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This Article is From Oct 31, 2022

Shani Dev: शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार को कर सकते हैं ये आसान काम! शनि देव रहेंगे मेहरबान

Shani Dev: ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं. मान्यता है कि इन आसन उपायों को करने से शनि की पीड़ा से मुक्ति मिल सकती है.

Shani Dev: शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार को कर सकते हैं ये आसान काम! शनि देव रहेंगे मेहरबान
Shani Dev: शनि देव को प्रसन्न करने के लिए ये उपाय किए जाते हैं.

Shani Dev: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि देव नौकरी और व्यापार के भी कारक हैं. मान्यता है कि कोई भी इंसान बिना शनि देव (Shani Dev) की कृपा से नौकरी में ऊंचा पद या व्यापार में आर्थिक उन्नति हासिल नहीं कर सकता. यही वजह है कि लोग शनि देव (Shani Dev Upay) की कृपा पाने के लिए शनिवार को विशेष रूप से उनकी उपासना करते हैं. इसके साथ ही शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए मंगलवार को भी हनुमान जी (Hanuman Ji) की उपासना करते हैं. ज्योतिष शास्त्र के जानकारों की मानें तो अगर शनिवार को कुछ आसान (Shaniwar ke Upay) और खास उपाय करें तो शनि देव की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है. 

शनि देव की आरती | Shani Dev Aarti

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी 
सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी 
जय जय श्री शनिदेव

श्याम अंग वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी 
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी 
जय जय श्री शनिदेव

क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी 
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी
जय जय श्री शनिदेव

मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी 
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी 
जय जय श्री शनिदेव

देव दनुज ऋषि मुनि सुमरिन नर नारी 
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी 
जय जय श्री शनिदेव

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शनि देव के मंत्र | Shani Dev Mantra

शनि देव का महामंत्र

ओम् निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम

शनि गायत्री मंत्र

ओम् भगभवाय विद्महे मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्

शनि बीज मंत्र

ओम् प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः

शनि आरोग्य मंत्र

ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा
कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा
शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्
दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं

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शनि दोष निवारण मंत्र

ओम त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।
ओम् शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शंयोरभिश्रवन्तु नः
ओम् शं शनैश्चराय नमः

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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