Surya Arghya: सूर्य देव (Lord Surya) को कामयाबी और यश का देवता माना जाता है. सूर्य देव को प्रसन्न करने क लिए प्रतिदिन सुबह अर्घ्य का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इससे भाग्योदय (destiny) के साथ-साथ मान सम्मान में वृद्धि होती है. प्रतिदिन सूर्य देव को जल चढ़ाने (Surya Arghya) से इसका प्रभाव मन और शरीर पर पड़ता है. इससे जीवन में ऊर्जा आती है और आत्मशुद्धि और बल प्राप्त होता है. आइए जानते हैं सूर्य देव को अर्घ्य देने की सही विधि (Surya Arghya Vidhi).
सूर्य अर्घ्य देने का सही तरीका
तांबे का लोटासूर्य देव को जल चढ़ाने के लिए तांबे के पात्र का उपयोग करना चाहिए. तांबे के पात्र में जल के साथ पुष्प, अक्षत और कुमकुम का उपयोग करना चाहिए. तांबे के बर्तन का पूजा में उपयोग शुभ फल देने वाला माना जाता है.
अर्घ्य का सही समयसूर्याेदय के बाद का एक घंटा अर्घ्य के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. इसलिए आप सुबह सूर्य देव (surya dev) को स्नान करने के तुरंत बाद जल चढ़ाएं.
कैसे दें अर्घ्यप्रात: स्नान व पूजा के बाद तांबे के लोटे में जल, पुष्प, अक्षत और कुमकुम लें. ऐसी जगह जहां से उगते हुए सूर्य देव के दर्शन हों वहां पूर्व की दिशा में सूर्य देव को देखतें हुए खड़े हों और अर्घ्य दें.
मंत्र पाठसूर्य देव को अर्घ्य चढ़ाते समय सूर्य देव मंत्र ऊं सूर्याय नम : का पाठ करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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