Guru Nanak Jayanti 2018: जब अमीर की रोटी से निकलने लगा खून
नई दिल्ली:
Guru Nanak Jayanti 2018: आज विश्वभर में गुरु नानक जयंती मनाई जाती है. इसे गुरु पर्व, गुरु पूरब और प्रकाश पर्व भी कहा जाता है. गुरु नानक देव सिखों के पहले गुरु थे और ऐसे गुरु जो न केवल सिखों में, बल्कि अन्य धर्मो के लोगों में भी उतने ही सम्माननीय रहे. एक बार भागो मलिक नामक एक अमीर ने गुरु नानक को अपने घर पर भोजन के लिए निमंत्रण दिया, लेकिन नानक जानते थे कि ये लोग गरीबों पर बहुत अत्याचार करते हैं, इसीलिए उन्होंने भागो का निमंत्रण स्वीकार नहीं किया और एक मजदूर के निमंत्रण को सहर्ष स्वीकार कर लिया.
भागो ने इसे अपना अपमान समझा और उसने गुरु नानक को खूब खरी-खोटी सुनाई, अपमानजनक शब्द कहे, लेकिन नानक ने इसका बुरा न मानते हुए उससे कहा, "तेरी कमाई पाप की कमाई है, जबकि इस मजदूर की कमाई वास्तव में मेहनत की कमाई है."
यह सुनते ही भागो भड़क उठा और गुस्से में भरकर कहने लगा, "वास्तव में तुम अव्वल दर्जे के पाखंडी हो और नीच कुल के हो, तभी तो नीच कुल वालों का ही निमंत्रण स्वीकार करते हो."
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गुरु नानक ने कहा, "भागो, मैं वह भोजन कदापि ग्रहण नहीं कर सकता, जो गरीबों का खून चूसकर तैयार किया गया हो."
भागो ने फुफकारते हुए पूछा, "मेरे स्वादिष्ट व्यंजनों से तुम्हें खून निकलता दिखाई देता है और उस मजदूर की बासी रोटियों से दूध?"
गुरु नानक ने कहा, "अगर तुम्हें विश्वास न हो तो स्वयं आजमाकर देख लो."
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क्रोध से सराबोर घमंडी भागो ने अपने घर से स्वादिष्ट व्यंजन मंगवाए और नानक ने उस मजदूर के घर से बासी रोटी. तब नानक ने एक हाथ में भागो के स्वादिष्ट व्यंजन लिए और दूसरे में मजदूर के घर की बासी रोटी और दोनों हाथों को एक साथ दबाया.
यह नजारा देख रहे लोगों के दिलों की धड़कन बढ़ गई, जब उन्होंने देखा कि मजदूर की बासी रोटी में से सचमुच दूध की धार निकल रही है, जबकि भागो के स्वादिष्ट व्यंजनों में से खून की धार.
यह देख भागो का अहंकार चूर-चूर हो गया और वह उसी क्षण गुरु नानक के चरणों में गिरकर क्षमा याचना करने लगा.
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इनपुट - आईएएनएस
भागो ने इसे अपना अपमान समझा और उसने गुरु नानक को खूब खरी-खोटी सुनाई, अपमानजनक शब्द कहे, लेकिन नानक ने इसका बुरा न मानते हुए उससे कहा, "तेरी कमाई पाप की कमाई है, जबकि इस मजदूर की कमाई वास्तव में मेहनत की कमाई है."
यह सुनते ही भागो भड़क उठा और गुस्से में भरकर कहने लगा, "वास्तव में तुम अव्वल दर्जे के पाखंडी हो और नीच कुल के हो, तभी तो नीच कुल वालों का ही निमंत्रण स्वीकार करते हो."
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गुरु नानक ने कहा, "अगर तुम्हें विश्वास न हो तो स्वयं आजमाकर देख लो."
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यह नजारा देख रहे लोगों के दिलों की धड़कन बढ़ गई, जब उन्होंने देखा कि मजदूर की बासी रोटी में से सचमुच दूध की धार निकल रही है, जबकि भागो के स्वादिष्ट व्यंजनों में से खून की धार.
यह देख भागो का अहंकार चूर-चूर हो गया और वह उसी क्षण गुरु नानक के चरणों में गिरकर क्षमा याचना करने लगा.
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इनपुट - आईएएनएस
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