Eclipse In 2024: ग्रहण एक विशेष खगोलीय घटना है जिसे साल-दरसाल देखा जाता है. खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों को खासकर ग्रहण देखने का इंतजार रहता है. आने वाले साल 2024 में भी कुछ ग्रहण देखने को मिलेंगे. इस साल सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) भी लगेगा और चंद्र ग्रहण भी देखने को मिलेगा. सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है. वहीं, चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) तब लगता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के मध्य आ जाती है. यहां जानिए आने वाले साल में किस दिन और कौनसे ग्रहण लगने वाले हैं.
साल 2024 में लगने वाले ग्रहण | Eclipse In Year 2024
पहला चंद्र ग्रहणसाल का पहला ग्रहण चंद्र ग्रहण होने वाला है. यह चंद्र ग्रहण 25 मार्च, सोमवार की रात लगेगा. यह उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा और यह तब लगता है जब चंद्रमा पृथ्वी की बाहरी छाया से छिप जाता है. इस चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) को यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, नॉर्थ/ईस्ट एशिया, नॉर्थ अमेरिका, साउथ अमेरिका, प्रशांत महासागार, अटलांटिक, आर्कटिक और अंटार्कटिका से देखा जा सकेगा. इस चंद्र ग्रहण को भारत से देख सकते हैं इसलिए इसका सूतक काल मान्य होगा.
पहला सूर्य ग्रहण2024 में साल का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल, सोमवार के दिन लगेगा. यह पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा. इस ग्रहण को दक्षिण प्रशांत महासागर, नॉर्थ अमेरिका, मेक्सिको से होते हुए यूनाइटेड स्टेट्स और कनाडा में दिखाई देखा. इसका कुछ भाग कोस्टा रिका, अरूबा, डोमिनिका और जमाइका में देखा जा सकेगा. भारत से इस सूर्य ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा जिस चलते इसका सूतक काल (Sutak Kaal) मान्य नहीं होगा.
दूसरा चंद्र ग्रहणसाल का दूसरा चंद्र ग्रहण सितंबर के महीने में लगेगा. यह चंद्र ग्रहण 18 सितंबर की रात लगेगा और यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा. इसे यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, नॉर्थ/ईस्ट साउथ अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक, हिंद महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका से देखा जा सकता है. इस ग्रहण को भारत से नहीं देखा जा सकेगा इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा.
दूसरा सूर्य ग्रहणइस साल दूसरा सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) 2 अक्टूबर के दिन नजर आएगा. यह वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा. इस सूर्य ग्रहण को रिंग ऑफ फायर भी कहते हैं क्योंकि इसमें सूर्य का मध्य हिस्सा ढक जाता है और बाहरी हिस्सा आग के छल्ले जैसा दिखता है. इस सूर्य ग्रहण को साउथ अमेरिका, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक और नॉर्थ अमेरिका से देखा जा सकेगा. यह ग्रहण भारत से नहीं दिखेगा इसलिए भारत में इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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