Govardhan Puja samagri 2023: कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिप्रदा को गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) होती है. पूरे देश में दीवाली के बाद गोवर्धन पूजा और अन्न कूट मनाए जाने की परंपरा है. इस वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिप्रदा तिथि 13 नवंबर को दोपहर से शुरू होकर 14 नवंबर के दोपहर तक है. इसलिए गोवर्धन पूजा 14 नवंबर को मनाई जाएगी. मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ( Lord ShriKrishna)ने गोकुल वासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपने हाथों में उठा लिया था. आइए जानते हैं गोवर्धन पूजा में किन सामग्रियों ( Govardhan Puja list ) की होती है जरूरत.
गोवर्धन पूजा की सामग्री
गोवर्धन पूजा के लिए सबसे पहले गोबर गोवर्धन पर्वत बनाना होता है. इसके साथ ही पूजा की थाली, रोली, अक्षत और बताशे, धूप, तेल डला दीपक, जल से भरा कलश, केसर, नैवेद्य, मिठाई, गंगाजल, पान, फूल, दही, शहद, खीर की जरूरत होती है.
पूजा विधि
गोवर्धन पूजा के लिए सुबह स्नान के स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूजा का संकल्प लेना चाहिए. इसके बाद पूजा स्थल की सफाई करें और गंगाजल छिड़के. पूजा के स्थान पर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाएं. चित्र के अंदर भगवान श्रीकृष्ण का चित्र स्थापित करें. पूजा की थाली में सभी सामग्री को रखकर पूजा करें. पर्वत के पास तेल का दिया जलाएं. इसके बाद पर्वत की परिक्रमा करें. परिक्रमा के बाद भगवान श्रीकृष्ण और पर्वतराज को भोग लगाएं और भगवान श्रीकृष्ण और पर्वतराज की आरती करें. लोगों को प्रसाद बांटे और गाय को खिलाएं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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