Geeta jayanti 2022: 3 दिसंबर 2022 को गीता जयंती मनाई जाएगी. शास्त्रों के अनुसार जिन लोगों के घर श्रीमदभागवत गीता ग्रंथ रखी है उन्हें कुछ नियमों का पालन करना चाहिए, नहीं तो जीवन संकटों से घिर जाता है. गीता जीवन जीने की शिक्षा देती है. जो रोजाना इसके श्लोक का अनुसरण करता है वह बड़ी से बड़ी मुश्किलों को आसानी से पार कर लेता है. श्रीमद्भागवत गीता को घर में रखने और पाठ करते वक्त कुछ बातों का खयाल रखना चाहिए, तभी पूर्ण फल मिलता है.
- श्रीमद्भागवत गीता ग्रंथ बहुत पवित्र ग्रंथ है. इसे हमेशा पूजा स्थान पर ही रखें. बिना स्नान किए इस ग्रंथ का स्पर्श न करें. कहते हैं इससे पाप के भागी बनते हैं.
- गीता पाठ वैसे तो कभी भी किया जा सकता है लेकिन अगर कोई अध्याय शुरू किया है तो उसे बीच में न छोड़े समाप्त करके ही आसन से उठें.
- पाठ शुरू करने से पहले भगवान गणेश और श्री कृष्ण का स्मरण करें. जिस आसन पर रोजाना पाठ करते हैं वही उपयोग में ले. दूसरों का आसन नहीं लेना चाहिए इससे पूजा-पाठ का प्रभाव कम हो जाता है.
- श्रीमद्भागवत गीता को नीचे या जमीन पर रखकर पाठ नहीं करना चाहिए. इसके लिए पूजा चौकी या फिर काठ (लकड़ी से बना स्टेंड) का इस्तेमाल करें
- गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म-मरण के रहस्य के बारे में बताया है. गीता में व्यक्ति की हर परेशानी का समाधान छिपा है. इसका पाठ करने से मोक्ष मिलता है.
गीता जयंती तिथि और शुभ मुहूर्त | Gita Jayanti 2022 Date, Shubh Muhurat
- मार्गशीर्ष एकादशी प्रारंभः 05.39 AM (03 दिसंबर 2022, शनिवार) से
- मार्गशीर्ष एकादशी समाप्तः 05.34 AM (04 दिसंबर 2022, रविवार) तक
- ऐसी स्थिति में उदयातिथि के अनुसार गीता जयंती 3 दिसंबर 2022 को मनाई जायेगी.
रवि योग में मनाई जाएगी गीता जयंती
इस वर्ष गीता जयंती पर रवि योग का निर्माण हो रहा है. 03 दिसंबर, 2022, शनिवार को रवि योग सुबह 07.04 बजे शुरू होकर अगले दिन 04 दिसंबर को सुबह 06.16 बजे तक रहेगा. बता दें कि रवि योग किसी भी तरह के अमंगल को दूर कर शुभता प्रदान करता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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