Devi Gayatri Birth : देवी गायत्री के मंत्र जाप मात्र (Gayatri mantra chants) से ही घर में सुख शांति और समृद्धि का वास होता है. इनके ध्यान से रुके हुए कार्य संपन्न हो जाते हैं. इन्हें ज्ञान और चैतन्य की देवी माना जाता है. इन्हें चारों वेदों की देवी माना गया है. ऐसे में दिमाग में आता है कि आखिर माता गायत्री का अवतार (Devi Gayatri Birth) किस दिन हुआ है. तो इस लेख में हम आपके इसी सवाल का जवाब देंगे. मां गायत्री का अवतार ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि को हुआ है. यही कारण है कि इस दिन गायत्री जयंती के रूप में मनाया जाता है.
इस दिन का क्या है महत्व | Significance of Gayatri mantra
-इस दिन गायत्री मंत्र का जाप करने से जीवन में सकारात्मकता आती है. गायत्री जयंती के दिन सूर्योदय के पहले ब्रह्म मुहूर्त में मंत्र जाप करने से ज्यादा फलदायी होता है. शास्त्रों में ब्रह्म मुहूर्त को पूजा पाठ के लिए सबसे उचिच समय माना गया है.
- इस दिन सुबह देवी गायत्री माता के चित्र पर फूल माला चढ़ाकर धूप बत्ती जलाकर आरती का पाठ करें. इसके अलावा भोग लगाना ना भूलें.
- देवी गायत्री की आराधना करने से पहले आप पूजा वाली जगह को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध कर लें. फिर पीले वस्त्र का आसन बिछाकर उस पर देवी की प्रतिमा स्थापित करें.
- इस दिन पीले रंग का वस्त्र पहनकर पूजा-पाठ करना चाहिए. आपको बता दें कि गायत्री मंत्र का जाप रुद्राक्ष माला से करने से देवी प्रसन्न होती हैं. इस प्रकार से गायत्री माता की पूजा पाठ करने से जीवन में मंगल ही मंगल होता है.
-24 अक्षरों वाले इस मंत्र जाप में इतनी शक्ति होती है कि जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं, बस सुख की अनुभूति होती है. इसको दिन में 3 बार करने से ज्यादा लाभ होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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