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This Article is From Apr 26, 2023

Ganga Saptami 2023: कल है गंगा सप्तमी, इस आरती से करेंगे पूजा तो खुश होंगी मैया, मिलेगा आशीर्वाद!

Ganga Saptami Date: गंगा सप्तमी को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. कहते हैं इस दिन पूजा-पाठ और गंगा स्नान करने पर भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती हैं मां गंगा. 

Ganga Saptami 2023: कल है गंगा सप्तमी, इस आरती से करेंगे पूजा तो खुश होंगी मैया, मिलेगा आशीर्वाद!
Ganga Aarti: मान्यतानुसार गंगा सप्तमी पर हुआ था मां गंगा का जन्म.

Ganga Saptami 2023: प्रतिवर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन गंगा सप्तमी मनाई जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन मां गंगा का अवतरण हुआ था. माना जाता है कि वह गंगा सप्तमी का ही दिन था जब गंगा मैया (Ganga Maiya) स्वर्गलोक में ब्रह्म देव के कमंडल से जन्मी थीं. इसी दिन गंगाजल से मां गंगा ने भगवान विष्णु की चरण वंदना की थी और इसी दिन उन्होंने बैकुंठ में स्थान प्राप्त किया था. इस वर्ष 27 अप्रैल के दिन गंगा सप्तमी मनाई जाएगी. 

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गंगा सप्तमी का शुभ मुहूर्त | Ganga Saptami Shubh Muhurt

वैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 26 अप्रैल सुबह 11 बजकर 27 मिनट से शुरू हो रही है और इसका समापन 27 अप्रैल के दिन 1 बजकर 38 मिनट पर होगा. गंगा सप्तमी 27 अप्रैल के दिन ही मनाई जाएगी. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 7 मिनट से दोपहर 1 बजकर 43 मिनट के बीच है. इसके साथ ही, गंगा सप्तमी पर ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 17 मिनट से सुबह 5 बजकर 1 मिनट तक है. 

इस दिन पूजा (Ganga Saptami Puja) करने के लिए भक्त सुबह सवेरे उठकर गंगा स्नान के लिए जाते हैं. वे भक्त जो गंगा स्नान के लिए नहीं जा सकते वे घर में पानी की बाल्टी में गंगाजल डालकर स्नान कर लेते हैं. इस दिन ॐ श्री गंगे नमः मंत्र का उच्चारण करते हुए मां गंगा को अर्घ्य दिया जाता है. इसके साथ ही, तिल का दान करना शुभ मानते हैं. भक्त इस दिन पूरे मनोभाव से गंगा आरती गाते हैं. 

गंगा मैया की आरती 

हर हर गंगे, जय माँ गंगे,
हर हर गंगे, जय माँ गंगे ॥

ॐ जय गंगे माता,
श्री जय गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता,
मनवांछित फल पाता ॥

चंद्र सी जोत तुम्हारी,
जल निर्मल आता ।
शरण पडें जो तेरी,
सो नर तर जाता ॥
॥ ॐ जय गंगे माता..॥

पुत्र सगर के तारे,
सब जग को ज्ञाता ।
कृपा दृष्टि तुम्हारी,
त्रिभुवन सुख दाता ॥
॥ ॐ जय गंगे माता..॥

एक ही बार जो तेरी,
शारणागति आता ।
यम की त्रास मिटा कर,
परमगति पाता ॥
॥ ॐ जय गंगे माता..॥

आरती मात तुम्हारी,
जो जन नित्य गाता ।
दास वही सहज में,
मुक्त्ति को पाता ॥
॥ ॐ जय गंगे माता..॥

ॐ जय गंगे माता,
श्री जय गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता,
मनवांछित फल पाता ॥

ॐ जय गंगे माता,
श्री जय गंगे माता ।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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