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Sheetala Ashtami 2025: इन 5 चीजों के भोग से करें मां शीतला को प्रसन्न, बच्‍चों और पर‍िवार पर हमेशा बनी रहेगी मां की कृपा

Sheetala Ashtami Par Kya Bhog Lagayen: इस साल शीतला सप्तमी 21 मार्च और शीतला अष्टमी 22 मार्च को मनाई जाएगी. ये पर्व चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी और अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. इसे बासौड़ा के नाम से भी जाना जाता है.

Sheetala Ashtami 2025: इन 5 चीजों के भोग से करें मां शीतला को प्रसन्न, बच्‍चों और पर‍िवार पर हमेशा बनी रहेगी मां की कृपा
मान्यता है कि यह व्रत विशेष रूप से महिलाएं अपने बच्चों की सलामती और परिवार की खुशहाली के लिए रखती हैं.

Sheetala Ashtami 2025 Date: भारत को त्यौहारों का देश कहा जाता है, जहां हर दिन कोई न कोई विशेष पर्व या उत्सव मनाया जाता है. हाल ही में पूरे देश में होली का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, और अब शीतला सप्तमी और शीतला अष्टमी (Sheetala Ashtami 2025) का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन शीतला माता की विधिपूर्वक (Sheetala Mata Puja Vidhi) पूजा की जाती है. यह पर्व चैत्र मास की सप्तमी और अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. इस वर्ष शीतला सप्तमी (Best Prasad For Sheetala Mata) और अष्टमी की पूजा 21 और 22 मार्च को पूरी होगी.

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शीतला सप्तमी और अष्टमी व्रत-पूजा का महत्व (Sheetala Saptami Significance)

  • हर साल होली के बाद शीतला सप्तमी और अष्टमी का पर्व मनाया जाता है. इस दिन व्रत रखा जाता है और माता शीतला की पूजा की जाती है. मान्यता है कि यह व्रत विशेष रूप से महिलाएं अपने बच्चों की सलामती और परिवार की खुशहाली के लिए रखती हैं.
  • इसे देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे बसौड़ा, बासौड़ा और बसियौरा.
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शीतला अष्टमी पर बासी भोजन का महत्व (Why Eat Stale Food On Sheetala Ashtami)

  • शीतला अष्टमी के दिन मां शीतला को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है, और इसी कारण पूरे दिन यही भोजन ग्रहण किया जाता है. मान्यता के अनुसार, इस दिन घर में चूल्हा नहीं जलाया जाता, इसलिए एक दिन पहले ही भोग और प्रसाद तैयार कर लिया जाता है. इस आर्टिकल में हम आपको पांच तरह के भोग के बारे में बताएंगे, जिन्हें आप माता शीतला (Sheetala Ashtami Bhog List) को चढ़ाने के लिए घर पर बना सकते हैं.

दाल का हलवा –स्वादिष्ट भोग प्रसाद (Dal Ka Halwa)

  • शीतला सप्तमी और अष्टमी के अवसर पर आप माता शीतला को मूंग दाल का हलवा भोग में अर्पित कर सकते हैं.
  • ये हलवा स्वाद में बेहद लाजवाब होता है, हालांकि इसे बनाने में थोड़ा समय और मेहनत लगती है.
  • इसे बनाने के लिए मूंग दाल को पहले पानी में भिगोकर नरम करें, फिर पीस लें.
  • इसके बाद इसे देसी घी और चाशनी में अच्छे से पकाएं. अंत में सूखे मेवों से गार्निश कर भोग के रूप में अर्पित करें.
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बिना नमक की पूड़ी –शीतला माता के लिए विशेष भोग

  • शीतला सप्तमी और अष्टमी के भोग में बिना नमक की पूड़ी शामिल की जा सकती है.
  • इसे बनाना बेहद आसान है और यह लंबे समय तक खराब भी नहीं होती.
  • इसे तैयार करने के लिए आटे में अजवाइन मिलाकर अच्छी तरह गूंथ लें.
  • फिर कड़ाही में तेल गरम करें और एक-एक करके पूड़ियां तल लें.
  • अजवाइन की यह पूड़ियां ठंडी होने पर भी स्वादिष्ट लगती हैं और भोग के लिए अच्छी मानी जाती हैं.

पुए –पारंपरिक और स्वादिष्ट भोग

  • पुए या गुलगुले ज्यादातर त्यौहारों और विशेष अवसरों पर बनाए जाते हैं, और शीतला सप्तमी या अष्टमी के दिन भी इन्हें भोग में शामिल किया जा सकता है.
  • ये गेहूं के आटे से तैयार किए जाते हैं और ठंडे होने पर भी स्वादिष्ट लगते हैं.
  • इन्हें बनाने के लिए गेहूं के आटे में शक्कर और इलायची पाउडर मिलाकर गाढ़ा घोल तैयार करें.
  • फिर कड़ाही में तेल गर्म करें और इस घोल से छोटे पकौड़े जैसी पुए तलकर तैयार करें.


मीठे चावल –शीतला माता के लिए विशेष भोग

  • शीतला सप्तमी या अष्टमी के दिन माता शीतला को मीठे चावल का भोग लगाया जा सकता है. इसे बनाने के लिए चावल में 4-5 केसर के रेशे, इलायची पाउडर, चुटकी भर हल्दी या खाने वाला पीला रंग और घी डालकर एक साथ पकाएं.
  • स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें जरूरत के हिसाब से चीनी और सूखे मेवे भी मिला सकते हैं.

दही चावल – शीतला माता के लिए शीतल भोग

  • शीतला अष्टमी की पूजा में ठंडी चीजों का भोग विशेष रूप से चढ़ाया जाता है.
  • ऐसे में दही चावल को भोग की लिस्ट में शामिल किया जा सकता है.
  • इसे बनाना बेहद आसान है.
  • सादे चावल में ताजा दही मिलाएं और स्वाद के लिए चीनी डालकर भोग लगाएं.
  • ये प्रसाद हल्का और पाचन के लिए भी फायदेमंद होता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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