अमरनाथ तीर्थयात्रियों का पहला जत्था बुधवार को जम्मू से रवाना किया गया. आतंकवादी हमलों की खुफिया सूचना के मद्देनजर तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को कड़ी सुरक्षा के बीच कश्मीर स्थित अमरनाथ गुफा के लिए रवाना किया गया. अमरनाथ यात्रा गुरुवार से शुरू हो रही है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कुल 2,280 तीर्थयात्रियों को भगवती नगर यात्री निवास से 72 वाहनों के जरिये अनंतनाग जिले में स्थित हिमालयी गुफा के लिए सुबह 5.22 बजे रवाना किया.
उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों के काफिले में कुल 1,811 पुरुष, 422 महिलाएं और 47 साधु-संत शामिल हैं. इन्हें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के वाहनों की सुरक्षा में ले जाया गया है.
घाटी में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति के मद्देनजर तीर्थयात्रियों के कठुआ जिले के लखनपुर में प्रवेश के बाद से ही उनकी सुरक्षित यात्रा के लिए सेना, सीआरपीएफ, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और जम्मू और कश्मीर पुलिस द्वारा बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए हैं.
सुरक्षा के लिए प्रशासन ने लिया ऐसा फैसला
प्रशासन ने जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित जवाहर सुरंग में अपराह्न् 3.30 बजे के बाद तीर्थयात्रियों के किसी वाहन को प्रवेश नहीं करने देने का फैसला लिया है.
पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह इसलिए किया गया, ताकि यात्री सुरंग के रास्ते सात घंटे में बालटाल आधार शिविर तक पहुंच जाएं और उन्हें राते में रात में न रुकना पड़े और रात में यात्रा न करनी पड़े.
इस बीच, वरिष्ठ अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी ने कहा कि तीर्थयात्री घाटी के लोगों के मेहमान हैं और उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा और न ही उन्हें कोई उनके धार्मिक अनुष्ठान करने से रोकेगा.
2.12 लाख लोगों ने कराया पंजीकरण
आतंकवादियों द्वारा यात्रा बाधित करने के प्रयास की खुफिया जानकारी के कारण अधिकारियों ने 40 दिन लंबी यात्रा के लिए सुरक्षा बढ़ा दी है. इस साल 2.12 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पंजीकरण कराया है, जो समुद्र तल से 14,000 फुट की ऊंचाई पर है.
उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों के काफिले में कुल 1,811 पुरुष, 422 महिलाएं और 47 साधु-संत शामिल हैं. इन्हें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के वाहनों की सुरक्षा में ले जाया गया है.
घाटी में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति के मद्देनजर तीर्थयात्रियों के कठुआ जिले के लखनपुर में प्रवेश के बाद से ही उनकी सुरक्षित यात्रा के लिए सेना, सीआरपीएफ, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और जम्मू और कश्मीर पुलिस द्वारा बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए हैं.
सुरक्षा के लिए प्रशासन ने लिया ऐसा फैसला
प्रशासन ने जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित जवाहर सुरंग में अपराह्न् 3.30 बजे के बाद तीर्थयात्रियों के किसी वाहन को प्रवेश नहीं करने देने का फैसला लिया है.
पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह इसलिए किया गया, ताकि यात्री सुरंग के रास्ते सात घंटे में बालटाल आधार शिविर तक पहुंच जाएं और उन्हें राते में रात में न रुकना पड़े और रात में यात्रा न करनी पड़े.
इस बीच, वरिष्ठ अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी ने कहा कि तीर्थयात्री घाटी के लोगों के मेहमान हैं और उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा और न ही उन्हें कोई उनके धार्मिक अनुष्ठान करने से रोकेगा.
2.12 लाख लोगों ने कराया पंजीकरण
आतंकवादियों द्वारा यात्रा बाधित करने के प्रयास की खुफिया जानकारी के कारण अधिकारियों ने 40 दिन लंबी यात्रा के लिए सुरक्षा बढ़ा दी है. इस साल 2.12 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पंजीकरण कराया है, जो समुद्र तल से 14,000 फुट की ऊंचाई पर है.
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