आज शनिवार है. यानी सूर्य पुत्र शनिदेव का वार. शनि के स्वभाव को क्रूर लेकिन गंभीर, तपस्वी, महात्यागी माना जाता है. उनके पिता सूर्यदेव और माता छाया हैं. हिंदू मान्यता के अनुसार शनि के भाई बहन भी हैं. शनि का एक भाई है यमराज, जबकि यमुना और भद्रा उनकी दो बहने हैं. यमराज मृत्यु के देवता हैं, तो यमुना को पवित्र व पापनाशिनी माना गया, वहीं भद्रा को क्रूर स्वभाव की माना जाता है, जो अशुभ फल देने वाली है. मान्यता के अनुसार शनि को प्रसन्न करने के लिए काले रंग की वस्तुएं जैसे काला कपड़ा, तिल, उड़द, लोहे का दान या चढ़ावा दिया जाता है. शनि ने शिव को अपना गुरु बनाया था. आइए जानें शनिदेव से जुड़ी और रोचक बातें...
- माना की शनिदेव को क्रूर देवता के रूप में जाना जाता है. लेकिन कुछ देवताओं और ग्रहों से उनकी मित्रता भी है. इनमें हनुमान, भैरव, बुध और राहु प्रमुख हैं.
- शनि को भू-लोक का दण्डाधिकारी व रात का स्वामी माना गया है.
- मान्यता है कि शनि की अन्य ग्रहों की तरह जल्दी-जल्दी अपनी राशियां नहीं बदलते. वे एक राशि पर करीब ढाई साल तक रहते हैं. इसका कारण यह बताया जाता है कि शनि लंगड़ाकर चलते हैं और उनकी चाल बहुत धीमी है.
- माना जाता है कि शनि के केवल बुरे प्रभाव ही नहीं होते, उनके शुभ प्रभाव भी होते हैं. शुभ प्रभाव के अंतर्गत अध्यात्म, राजनीति और कानून संबंधी विषयों में शनि दक्ष बना सकते हैं.
- शनि, बभ्रु, रोद्रान्तक, पिप्पलाश्रय, सौरि, शनैश्चर, कृष्ण, कोणस्थ, मंद, पिंगल नामों से भी जाने जाते हैं.
- शनि देव प्रसन्न करने के लिए खट्टे पदार्थ, तेल और गुड़ भी चढ़ाए जाते हैं.
- ज्योतिष के अनुसार शनि की महादशा 19 साल की होती है.
- शनि को अनुकूल करने के लिये ज्योतिष में नीलम रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है.
- मान्यता है कि शनि के बुरे प्रभाव से डायबिटिज, त्वचा रोग, मानसिक रोग हो सकते हैं.
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