प्रतीकात्मक चित्र
नयी दिल्ली:
दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक समिति (डीएसजीएमसी) ने फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद से फ्रांस में रहने वाले सिख बच्चों के पगड़ी पहनने पर लगी रोक हटाने और उन्हें अपना धार्मिक प्रतीक धारण करने का अधिकार देने की अपील की।
डीएसजीएमसी के अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति को पत्र लिखा और उसे भारत में फ्रांस के राजदूत के जरिए उन तक पहुंचाया।
पगड़ी सिखों का एक अभिन्न हिस्सा है
सिंह ने पत्र में कहा कि पगड़ी सिखों का एक अभिन्न हिस्सा है और इसके बिना वे अपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि सिख एक प्रगतिशील एवं शांतिप्रिय समुदाय हैं और वे जिस भी देश में रहते हैं, उसके लिए उन्होंने काफी योगदान दिया है।
एक अन्य पत्र में डीएसजीएमसी के अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों को न्याय दिलाने के उद्देश्य से इन दंगों की जांच के लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की निगरानी के लिए एक समिति के गठन की मांग की।
डीएसजीएमसी के अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति को पत्र लिखा और उसे भारत में फ्रांस के राजदूत के जरिए उन तक पहुंचाया।
पगड़ी सिखों का एक अभिन्न हिस्सा है
सिंह ने पत्र में कहा कि पगड़ी सिखों का एक अभिन्न हिस्सा है और इसके बिना वे अपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि सिख एक प्रगतिशील एवं शांतिप्रिय समुदाय हैं और वे जिस भी देश में रहते हैं, उसके लिए उन्होंने काफी योगदान दिया है।
एक अन्य पत्र में डीएसजीएमसी के अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों को न्याय दिलाने के उद्देश्य से इन दंगों की जांच के लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की निगरानी के लिए एक समिति के गठन की मांग की।
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