Diwali 2022 Vastu Tips: शारदीय नवरात्रि से लेकर छठ पर्व तक कई व्रत-त्योहार आते हैं. इस नवरात्रि महा सप्तमी 2 अक्टूबर को पड़ेगी. वहीं महाअष्टमी और नवमी क्रमशः 3 और 4 अक्टूबर को पड़ेगी. इसके बाद 5 अक्टूबर को दशहरा का पर्व मनाया जाएगा. दशहरा के बाद लोग दिवाली (Diwali 2022) पर्व की तैयारी शुरू कर देंगे. इस साल 5 दिवसीय दिवली पर्व की शुरुआत 22 अक्टूबर को धनतेरस (Dhanteras 2022 Date) के साथ हो रही है. वहीं दिवाली 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी. दिवाली पर्व के दौरान लोग घर साफ-सफाई करते हैं ताकि घर में मां लक्ष्मी का आगमन हो सके. इसके साथ ही लोग घरों और पूजा स्थलों पर दीए जलाते हैं. वास्तु शास्त्र में दीए (Vastu Tips for Diya) को लेकर भी खास वास्तु नियम बताए गए हैं. आइए जानते हैं कि दिवाली में वास्तु के अनुसार दीए को किस प्रकार रखें ताकि घर में मां लक्ष्मी के साथ-साथ सुख-समृद्धि का भी आगमन हो सके.
मां लक्ष्मी का होता है घर में आगमन
वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के नियम के मुताबिक अगर दिवाली में दीये (Diya on Diwali) को रखा जाए तो घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है. साथ ही घर में बरकत और सुख-समृद्धि बनी रहती है. मान्यता है कि दीये में उपयोग किया जाने वाला तेल व्यक्ति की नकारात्मक ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है. जबकि दीये की बाती आत्मा का प्रतीक माना जाता है. इस कारण जलते हुए दीए से आत्मा का शुद्धिकरण होता है.
पूजा थाली में दीये के साथ आभूषण
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की खास दिशा में दीया (Vastu Tips For Diya) जलाकर रखा जाए तो शुभ परिणाम मिलते हैं. मान्यतानुसार, जिस थाली में दीये को जलाकर रखा जाए, उसमें सोने या चांदी के अभूषण जरूर रखने चाहिए. इसके साथ ही अगर घर के नजदीक मंदिर है तो सबसे पहले वहां के लिए दीया अगर कर लें और वहां दीया जलाएं. इसके बाद ही घर के पूजा स्थल पर और बाकी हिस्सों में दीया जलाएं.
पूजा स्थाल और ईशान कोण में दीया
दिवाली के दिन मंदिर में दीया जलाने के बाद सबसे पहले घर के पूजा मंदिर में भगवान के निमित्ति एक दीपक जलाएं. पूजा स्थान अगर ईशान कोण में है तो वहां दीया जलाने से शुभ परिणाम मिलते हैं. घर पूजा मंदिर या पूजा स्थल ईशान कोण में नहीं है तो ऐसे में ईशान कोण (पूर्व-उत्तर का कोना) में एक दीया जरूर जलाएं. ऐसा करने से देवता प्रसन्न होते हैं. साथ ही घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है.
तुलसी के नजदीक दीया
घर के पूजा स्थल पर दीय जलाने के बाद तुलसी के नजदीक एक दीया अवश्य जलाएं. इसके अलावा एक दिन घर के रसोईघर में भी जलाना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से मां अन्नपूर्णा प्रसन्न होती हैं. इतना करने के बाद एक दीया घर के दक्षिण-पूर्व कोने में भी जलाना चाहिए.
दीये का तेल और बाती
वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर की दक्षिण दिशा यम की मानी जाती है. ऐसे में दक्षिण दिशा में भी यम के निमित्त एक दीया जलाना चाहिए. दिवाली के दिन ऐसा करने से पूर्वजों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है. दिवाली पर दीया के लिए तेल का ही इस्तेमाल करना चाहिए. इस दिन दीया जलात वक्त इस बात का ध्यान रखें की बाती गोल ना होकर लंबी रहे.
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