Dhanteras 2023: जानिए किस शुभ मुहूर्त में धनतेरस पर करें खरीदारी, सालभर घर रहती हैं मां लक्ष्मी

Dhanteras Shopping Muhurt: धनतेरस का विशेष धार्मिक महत्व होता है. इस दिन खरीदारी करना बेहद शुभ माना जाता है. जानिए किस समय घर लाएं सोना, चांदी और अन्य धातुओं के बर्तन. 

Dhanteras 2023: जानिए किस शुभ मुहूर्त में धनतेरस पर करें खरीदारी, सालभर घर रहती हैं मां लक्ष्मी

Dhanteras Shubh Muhurt: किस समय करें धनतेरस पर खरीदारी, जानिए यहां. 

Dhanteras 2023: साल के सबसे बड़े त्योहारों में दिवाली शामिल है. दीपावली से पहले धनतेरस मनाय जाता है. इस दिन दिवाली (Diwali) की शॉपिंग की जाती है और अलग-अलग धातुओं की वस्तुएं, बर्तन और गहने आदि खरीदे जाते हैं. धनतेरस पर मूहूर्त का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है. मान्यतानुसार धनतेरस पर खरीदारी करने और मां लक्ष्मी और धनाध्यक्ष कुबेर की पूजा करने पर घर में खुशहाली और सुख-समृद्धि आती है. जानिए इस साल धनतेरस किस दिन है, किस मुहूर्त में धनतेरस की खरीदारी (Dhanteras Shopping) की जा सकती है और किस मुहूर्त में धनतेरस की पूजा करें. 

Dhanteras 2023: धनतेरस के दिन इस तरह करें पूजा, बन रहा है बेहद शुभ संयोग, मिलेगी मां लक्ष्मी की कृपा 

धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त | Dhanteras Shopping Shubh Muhurt

पंचांग के अनुसार, धनतेरस कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है. इस साल 10 नवंबर, शुक्रवार के दिन धनतेरस पड़ रहा है. धनतेरस के दिन इस बार प्रदोष व्रत भी पड़ रहा है. यह शुक्र प्रदोष व्रत है. शुक्रवार के दिन को ही मां लक्ष्मी (Ma Lakshmi) का दिन माना जाता है. ऐसे में इस दिन धनतेरस और प्रदोष व्रत का पड़ना बेहद शुभ है. 

धनतेरस के दिन खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त 10 नवंबर, शुक्रवार की दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर शुरू हो रहा है. इस पूरे दिन धनतेरस की शॉपिंग की जा सकती है. इसके अलावा, अगले दिन 11 नवंबर शनिवार की दोपहर 1 बजकर 57 मिनट तक शॉपिंग की जा सकती है. हिंदू धर्म में शनिवार के दिन नई चीज घर लाने से परहेज किया जाता है, ऐसे में शुक्रवार के दिन ही धनतेरस की शॉपिंग कर सकते हैं. खरीदारी में सोना, चांदी, पीतल, तांबा, वाहन, प्रोपर्टी, वस्त्र, बर्तन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण घर लाए जा सकते हैं. 

धनतेरस की पूजा (Dhanteras Puja) शाम के समय प्रदोष काल में की जा सकती है. प्रदोष काल में पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 16 मिनट से 7 बजकर 54 मिनट तक है. इसके अलावा, वृषभ काल में पूजा कर सकते हैं. वृषभ काल संध्याकाल में 5 बजकर 47 मिनट से 7 बजकर 34 मिनट तक है. 

पूजा करने के लिए घर के द्वार पर आटे या मिट्टी के दीये में चार बातियां लगाकर रखा जाता है. यह जलता दीया खुशहाली का प्रतीक होता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)