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This Article is From Nov 10, 2023

Dhanteras 2023: धनतेरस के दिन इस तरह करें पूजा, बन रहा है बेहद शुभ संयोग, मिलेगी मां लक्ष्मी की कृपा 

Dhanteras Puja: प्रतिवर्ष कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी पर धनतेरस मनाया जाता है. जानिए इस बार धनतेरस पर कौन से शुभ योग बन रहे हैं और किस तरह पूजा की जा सकती है. 

Dhanteras 2023: धनतेरस के दिन इस तरह करें पूजा, बन रहा है बेहद शुभ संयोग, मिलेगी मां लक्ष्मी की कृपा 
Dhanteras Kab Hai: धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है. 

Dhanteras 2023: हिंदू धर्म में धनतेरस का त्योहार विशेष महत्व रखता है. धनतेरस के दिन बाजार से धातू के बर्तन या सामान खरीदने बेहद शुभ माने जाते हैं. अपनी श्रद्धानुसार लोग सोना, चांदी, पीतल, स्टील या फिर तांबे की वस्तुएं घर लेकर आते हैं. पंचांग के अनुसार, धनत्रयोदशी या कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस मनाया जाता है. इस साल 10 नवंबर, शुक्रवार के दिन धनतेरस पड़ रहा है. धनतेरस पर शुक्र चंद्रमा कन्या राशि में होंगे. इसके अलावा, शुभ नक्षत्र भी रहने वाला है. जानिए इस साल धनतेरस पर कौन-कौनसे योग बन रहे हैं और किस तरह इस दिन धनतेरस की पूजा (Dhanteras Puja) की जा सकती है. 

धनतेरस के दिन शुक्र प्रदोष व्रत से बन रहा है बेहद खास संयोग, जानिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

धनतेरस पर बन रहे हैं शुभ योग 

पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि 10 नवंबर, शुक्रवार की दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन अगले दिन 11 नवंबर दोपहर 1 बजकर 57 मिनट पर हो जाएगा. इस चलते धनतेरस 10 नवंबर के दिन ही मनाया जाएगा. धनतेरस के दिन इस बार कई योग बन रहे हैं. इस दिन अपार धन लाभ दिलाने वाला हस्त नक्षत्र (Hast Nakshatra) रहेगा. हस्त नक्षत्र के स्वामी चंद्र देव हैं और शुक्र चंद्रमा कन्या राशि में होंगे. हस्त नक्षत्र में खरीदारी करना बेहद शुभ माना जाता है. इसके अलावा शनि भी मार्गी अवस्था में धनतेरस पर अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में होंगे. 

धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त 

धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी (Ma Lakshmi) और धनाध्यक्ष कुबेर (Kuber) की पूजा की जाती है. इस दिन धन्वंतरि जयंती भी होती है. पूजा करने के लिए दीप दलाए जाते हैं. शाम को आटे या मिट्टी के दीपक में तेल डालकर उसमें चार बत्तियां लगाई जाती हैं और घर के मुख्यद्वार पर रखते हैं. इस दिन दीपदान भी किया जाता है. धनतेरस की पूजा खरीदारी के बाद संपन्न की जाती है और खरीदारी में बर्तन, चांदी, सोना, वाहन, उपकरण, वस्त्र, झाड़ू और प्रोपर्टी आदि खरीदी जा सकती है. 

धनतेरस के दिन खरीदारी 10 नंवबर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट के बाद कर सकते हैं. इस दिन प्रदोष व्रत भी पड़ रहा है. शुक्र प्रदोष व्रत होने के चलते मां लक्ष्मी के साथ ही भगवान शिव का पूजन भी किया जा सकता है. प्रदोष काल का अति शुभ मुहूर्त भी खरीदारी के लिए अच्छा है और इस मुहूर्त में धनतेरस की पूजा भी की जा सकती है. यह मुहूर्त शाम 5 बजकर 16 मिनट से शाम 7 बजकर 54 मिनट तक रहेगा. 

धनतेरस के अगले दिन 11 नवंबर को नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली और हनुमान जयंती है, 12 नवंबर को दीपावली है और 12 नवंबर को गोवर्धन पूजा की जाएगी.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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