फाईल फोटो
इलाहाबाद:
संगम नगरी कहे जाने वाले इलाहाबाद के बाहरी इलाके में एक रिहायशी क्षेत्र में अवैध रूप से बनाये गए एक उपासना स्थल को प्रशासन द्वारा ढहाये जाने के बाद हिंसा फैल गयी। भीड़ ने पथराव किया और एक सरकारी बस में आग लगा दी जिसपर पुलिस को उसे तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े और हवा में गोलियां चलानी पड़ी।
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए शांतिपुरम इलाके में पहुंचे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार यादव ने कहा, ‘‘इलाहाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा था और उसी के तहत सड़क के किनारे के कई कियोस्क गिराये गए जो अवैध रूप से बनाये गए थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक ऐसी जगह थी जहां कुछ लोगों ने कुछ मूर्तियां लगा रखी थीं और वे उन पर फूल चढ़ाया करते थे एवं धूप-बत्ती जलाया करते थे। उन्होंने उस जगह को मंदिर कहना शुरू कर दिया था।’’
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यह भी पढ़ें : अमरनाथ गुफा और वैष्णो देवी तीर्थस्थलों में 80 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किया दर्शन
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उन्होंने बताया, ‘‘यह उन लोगों का आम तरकीब है जो जमीन के अतिक्रमण में लगे होते हैं। प्रशासन ने मूर्तियां हटाकर कानूनसम्मत काम किया क्योंकि ये मूर्तियां अवैध रूप से वहां रखी गयी गयी थीं।’’ यादव ने कहा, ‘‘जो लोग सरकारी जमीन के अतिक्रमण में शामिल हैं, वे इस अभियान से नाराज हो गए। उनमें कुछ असामाजिक तत्व भी शामिल थे जिन्होंने अधिकारियों पर पथराव किया और उन पर मंदिर को अपवित्र करने का आरोप लगाया। ’’
उन्होंने घटना के बारे में बताया कि जबतक पुलिस दल मौके पर पहुंचा तबतक भीड़ ने स्टेट रोडवेज कोरपोरेशन ट्रांसपोर्ट की बस में आग लगा दी और समीप में खड़े अन्य वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया। पुलिस को उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े और हवा में गोलियां चलानी पड़ीं।
यादव ने कहा, "स्थिति नियंत्रण में ले आयी गयी है। भादसं की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। आगजनी और उपद्रव में शामिल व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।"
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए शांतिपुरम इलाके में पहुंचे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार यादव ने कहा, ‘‘इलाहाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा था और उसी के तहत सड़क के किनारे के कई कियोस्क गिराये गए जो अवैध रूप से बनाये गए थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक ऐसी जगह थी जहां कुछ लोगों ने कुछ मूर्तियां लगा रखी थीं और वे उन पर फूल चढ़ाया करते थे एवं धूप-बत्ती जलाया करते थे। उन्होंने उस जगह को मंदिर कहना शुरू कर दिया था।’’
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उन्होंने घटना के बारे में बताया कि जबतक पुलिस दल मौके पर पहुंचा तबतक भीड़ ने स्टेट रोडवेज कोरपोरेशन ट्रांसपोर्ट की बस में आग लगा दी और समीप में खड़े अन्य वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया। पुलिस को उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े और हवा में गोलियां चलानी पड़ीं।
यादव ने कहा, "स्थिति नियंत्रण में ले आयी गयी है। भादसं की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। आगजनी और उपद्रव में शामिल व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।"
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