बर्फबारी और बारिश के चलते चारधाम यात्रा एक दिन के लिए रोक दी गई थी
नई दिल्ली:
उत्तराखंड की पहाड़ियों पर भारी बर्फबारी और बारिश के चलते एक दिन बाधित रही चारधाम यात्रा बुधवार को मौसम साफ होते ही फिर शुरू हो गयी और मुख्य यात्रा मार्गों पर यातायात बहाल हो गया.
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू, भक्तों के लिए खोले गए गंगोत्री-यमुनोत्री मंदिरों के पट
चमोली के जिलाधिकारी आशीष जोशी ने बताया कि बदरीनाथ के रास्ते में भूस्खलन, संवेदनशील लामबगड़ में तैनात आपदा रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) और पुलिस के जवानों की निगरानी में श्रद्धालुओं को हिमालयी धाम बदरीनाथ की ओर रवाना किया गया. लामबगड़ में भारी बारिश के बाद भूस्खलन के दौरान पहाड़ी से मलबा और बोल्डर गिरने की वजह से यातायात आठ घंटे के लिए बंद रहा था.
रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक प्रहलाद मीणा ने बताया कि केदारनाथ मे भी मौसम साफ हो गया है और भगवान के दर्शन के लिए बडी संख्या में तीर्थयात्री मंदिर पहुंच रहे हैं.
यमुनोत्री के रास्ते में ओजरी-डाबरकोट में भूस्खलन के कारण बाधित हुए मार्ग को भी बुधवार सुबह साढे आठ बजे यातायात के लिए खोल दिया गया.
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी आशीष चौहान ने बताया कि फिलहाल गंगोत्री और यमुनोत्री दोनों धामों की यात्राएं सुगमता से चल रही हैं और भूस्खलन की आशंका वाले स्थानों में जेसीबी के साथ पर्याप्त संख्या में कर्मचारी तैनात हैं.
खराब मौसम के चलते केदारनाथ में फंस गए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा और केदारनाथ के विधायक मनोज रावत सहित करीब आधा दर्जन कांग्रेसी नेता बुधवार सुबह गुप्तकाशी लौट आए.
पूर्व मुख्यमंत्री ने हांलांकि, केदारनाथ में अलर्ट रहने के लिए प्रशासन की प्रशंसा की लेकिन उन्होंने राज्य सरकार को हिमालयी धाम में व्यवस्था सुधारने के लिए एकाध सुझाव भी दिए.
यहां जारी एक बयान में उन्होंने कहा, 'मैंने मुख्य सचिव को सलाह दी थी कि बर्फबारी झेल रहे केदारनाथ में जगह-जगह पर अलाव जलाए जाएं और बिजली आपूर्ति को ठीक किया जाए.' उन्होंने कहा कि केदारपुरी से भीमबली तक हर तीर्थयात्री को एक कंबल और एक बरसाती उपलब्ध कराई जाए तथा गढ़वाल मंडल विकास निगम और एसडीआरएफ रास्ते में चलने वाले यात्रियों को चाय, गर्म पानी और गुड़ मुहैया कराएं.
हांलांकि, खराब मौसम के इस दौर में मंगलवार को एक व्यक्ति की मौत भी हो गई. गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क के उपनिदेशक श्रवण कुमार ने बताया कि उत्तरकाशी जिले में केदारताल से गंगोत्री लौटते समय नेपाल का एक पोर्टर बर्फबारी के दौरान बर्फ के नीचे दब गया. यह पोर्टर पर्यटकों के एक 31 सदस्यीय दल के साथ ट्रैक पर गया था.
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू, भक्तों के लिए खोले गए गंगोत्री-यमुनोत्री मंदिरों के पट
चमोली के जिलाधिकारी आशीष जोशी ने बताया कि बदरीनाथ के रास्ते में भूस्खलन, संवेदनशील लामबगड़ में तैनात आपदा रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) और पुलिस के जवानों की निगरानी में श्रद्धालुओं को हिमालयी धाम बदरीनाथ की ओर रवाना किया गया. लामबगड़ में भारी बारिश के बाद भूस्खलन के दौरान पहाड़ी से मलबा और बोल्डर गिरने की वजह से यातायात आठ घंटे के लिए बंद रहा था.
रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक प्रहलाद मीणा ने बताया कि केदारनाथ मे भी मौसम साफ हो गया है और भगवान के दर्शन के लिए बडी संख्या में तीर्थयात्री मंदिर पहुंच रहे हैं.
यमुनोत्री के रास्ते में ओजरी-डाबरकोट में भूस्खलन के कारण बाधित हुए मार्ग को भी बुधवार सुबह साढे आठ बजे यातायात के लिए खोल दिया गया.
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी आशीष चौहान ने बताया कि फिलहाल गंगोत्री और यमुनोत्री दोनों धामों की यात्राएं सुगमता से चल रही हैं और भूस्खलन की आशंका वाले स्थानों में जेसीबी के साथ पर्याप्त संख्या में कर्मचारी तैनात हैं.
खराब मौसम के चलते केदारनाथ में फंस गए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा और केदारनाथ के विधायक मनोज रावत सहित करीब आधा दर्जन कांग्रेसी नेता बुधवार सुबह गुप्तकाशी लौट आए.
पूर्व मुख्यमंत्री ने हांलांकि, केदारनाथ में अलर्ट रहने के लिए प्रशासन की प्रशंसा की लेकिन उन्होंने राज्य सरकार को हिमालयी धाम में व्यवस्था सुधारने के लिए एकाध सुझाव भी दिए.
यहां जारी एक बयान में उन्होंने कहा, 'मैंने मुख्य सचिव को सलाह दी थी कि बर्फबारी झेल रहे केदारनाथ में जगह-जगह पर अलाव जलाए जाएं और बिजली आपूर्ति को ठीक किया जाए.' उन्होंने कहा कि केदारपुरी से भीमबली तक हर तीर्थयात्री को एक कंबल और एक बरसाती उपलब्ध कराई जाए तथा गढ़वाल मंडल विकास निगम और एसडीआरएफ रास्ते में चलने वाले यात्रियों को चाय, गर्म पानी और गुड़ मुहैया कराएं.
हांलांकि, खराब मौसम के इस दौर में मंगलवार को एक व्यक्ति की मौत भी हो गई. गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क के उपनिदेशक श्रवण कुमार ने बताया कि उत्तरकाशी जिले में केदारताल से गंगोत्री लौटते समय नेपाल का एक पोर्टर बर्फबारी के दौरान बर्फ के नीचे दब गया. यह पोर्टर पर्यटकों के एक 31 सदस्यीय दल के साथ ट्रैक पर गया था.
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