फाइल फोटो
देहरादून:
उत्तराखंड में चार धाम की वार्षिक तीर्थयात्रा सोमवार को लगातार तीसरे दिन भी बाधित रही। भूस्खलन की वजह से तीर्थस्थल जाने वाले कई मुख्य मार्ग अवरुद्ध रहे। क्षेत्र में बारिश घटी है।
सड़कों से मलबे हटाने का काम जारी है। बद्रीनाथ राजमार्ग पर नंदप्रयाग-चमोली सड़क को साफ करना बाकी है। साथ ही कई स्थानों पर वाहनों की सामान्य आवाजाही बहाल किया जाना अभी बाकी है।
बद्रीनाथ और रुद्रप्रयाग के बीच रविवार शाम को कई वाहनों को वैकल्पिक मार्गो से ले जाया गया। इस स्थान पर पिछले सप्ताह भारी बारिश के बाद बड़ी संख्या में चट्टानें गिरी थीं।
एक अधिकारी ने बताया कि सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच केदारनाथ राजमार्ग बाधित रहा और इसे सोमवार दोपहर तक साफ करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि यमुनोत्री और गंगोत्री राजमार्ग यातायात के लिए खुले हैं।
चमोली और पिथौरागढ़ जिलों में बचाव एवं राहत कार्य जारी हैं। इन स्थानों पर बादल फटने से कई गांवों में घर नष्ट हो गए। मलबे से दो और शव मिलने से मृतकों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है।
सड़कों से मलबे हटाने का काम जारी है। बद्रीनाथ राजमार्ग पर नंदप्रयाग-चमोली सड़क को साफ करना बाकी है। साथ ही कई स्थानों पर वाहनों की सामान्य आवाजाही बहाल किया जाना अभी बाकी है।
बद्रीनाथ और रुद्रप्रयाग के बीच रविवार शाम को कई वाहनों को वैकल्पिक मार्गो से ले जाया गया। इस स्थान पर पिछले सप्ताह भारी बारिश के बाद बड़ी संख्या में चट्टानें गिरी थीं।
एक अधिकारी ने बताया कि सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच केदारनाथ राजमार्ग बाधित रहा और इसे सोमवार दोपहर तक साफ करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि यमुनोत्री और गंगोत्री राजमार्ग यातायात के लिए खुले हैं।
चमोली और पिथौरागढ़ जिलों में बचाव एवं राहत कार्य जारी हैं। इन स्थानों पर बादल फटने से कई गांवों में घर नष्ट हो गए। मलबे से दो और शव मिलने से मृतकों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है।
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