कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के मद्देनजर इस वर्ष बद्रीनाथ (Badrinath) गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा की तिथि बदलकर अब 24 अप्रैल कर दी गई है.
टिहरी राजदरबार नरेंद्र नगर द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, 30 अप्रैल को धाम के कपाट खुलने से पहले होने वाली यह यात्रा पहले 18 अप्रैल को शुरू होनी था लेकिन कोरोना महामारी को देखते हुए इसमें बदलाव कर दिया गया है.
गाडू घड़ा तेल कलश 24 अप्रैल को राज दरबार नरेन्द्र नगर टिहरी गढ़वाल से सादगीपूर्ण तरीके से रवाना होगा.
26 अप्रैल को श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर डिम्मर में तेल कलश की पूजा-अर्चना होगी. उसके बाद नृसिंह मंदिर जोशीमठ, योग-ध्यान बदरी पांडुकेश्वर होते हुए 29 अप्रैल को गाडू घड़ा बद्रीनाथ पहुंचेगा और 30 अप्रैल को प्रात: साढे़ बजे श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे.
गौरतलब है कि चार धामों में से एक बद्रीनाथ हिन्दुओं का प्रमुख धार्मिक स्थल है. इसे दूसरा बैकुंठ धाम माना जाता है. मान्यता है कि श्री हरि विष्णु ने यहीं नर-नारायण के रूप में तपस्या की थी. भगवान विष्णु का यह धाम उत्तराखंड के चमोली जनपद में अलकनन्दा नदी के तट पर स्थति है. बद्रीनाथ में भगवान विष्णु की पूजा 'बद्रीनारायण' के रूप होती है. इस मंदिर में उनकी 3.3 फीट लंबी शालिग्राम से निर्मित मूर्ति है. मान्यता है कि इस मूर्ति को आदि शंकराचार्य ने आछवीं शताब्दी के आसपास नारद कुण्ड से निकालकर स्थापित किया था.
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