Chaitra Navratri 2022: चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन विशेष रूप से माता की कृपा पाने के लिए भक्त तरह-तरह के जतन करते हैं, व्रत रखते हैं, मन्नत मांगते हैं और भोग आदि तैयार करते हैं. माना जाता है कि मां ब्रह्मचारिणी संसार में ऊर्जा का प्रवाह करती हैं और मनुष्य को उनकी कृपा से आंतरिक शांति प्राप्त होती है. मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप बेहद सादा है. वे अपनी सौम्यता, शांत चित्त और प्रसन्नता के लिए जानी जाती हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार मां ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) तप की देवी हैं जिस कारण उनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा था.
नवरात्रि का दूसरा दिन | Second Day of Navratri
मान्यतानुसार नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को प्रसन्न करने के लिए उनका पसंदीदा रंग पहना जाता है. हरे रंग को मां ब्रह्मचारिणी का प्रिय रंग माना जाता है और इसीलिए दूसरे दिन नवरात्रि पर हरा रंग पहनने को प्राथमिकता दी जाती है.
मां ब्रह्मचारिणी पूजा विधिमां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के लिए सुबह नहा-धोकर मंदिर सजाया जाता है. मान्यतानुसार पूजा में कुमकुम, चन्दन, गुड़हल या कमल के फूल और रोली आदि का प्रयोग होता है. इसके साथ ही मां ब्रह्मचारिणी के मंत्र (Maa Brahmacharini Mantra) का जाप करना शुभ माना जाता है.
मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र इस प्रकार है-या देवी सर्वभेतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः..
दधाना कर मद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू.
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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