
Bhanusaptami 2025 : वैसे तो सूर्य देव की रोज पूजा करना सुख-समृद्धि लेकर आता है. लेकिन भानु सप्तमी के दिन सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व होता है. इस व्रत को करने से साधक को सभी कामों में सफलता मिलती है. साथ ही इस दिन अन्न और धन का दान करना भी बहुत अच्छा माना जाता है. ऐसे में इस साल भानु सप्तमी किस दिन मनाई जाएगी, आइए जानते हैं... Chardham yatra 2025 : खुल गया केदारनाथ का कपाट, जानिए कैसे किया जाता है पहले दिन भोलेनाथ का भीष्म श्रृंगार
भानु सप्तमी 2025 तारीख और शुभ मुहूर्त - Bhanu Saptami 2025 date and auspicious time
पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि की शुरूआत 3 मई को सुबह 7:52 मिनट पर होगी और समापन 4 मई को सुबह 7:18 मिनट पर. उदयातिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है, ऐसे में यह पर्व 4 मई को रखा जाएगा.
भानु सप्तमी के दिन सूर्यास्त से लेकर सूर्योदय का समय - Time from sunset to sunrise on Bhanu Saptami
- इस दिन सूर्योदय सुबह 05 बजकर 38 मिनट पर होगा
- इस दिन सूर्यास्त शाम 06 बजकर 58 मिनट पर होगा
- चंद्रोदय सुबह 11 बजकर 37 मिनट पर होगा
- चंद्रास्त देर रात 01 बजकर 36 मिनट पर होगा
- ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 12 मिनट से 04 बजकर 55 मिनट तक होगा
- विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 25 मिनट तक होगा
- गोधूलि मुहूर्त शाम 06 बजकर 57 मिनट से 07 बजकर 18 मिनट तक होगा
- अमृत काल सुबह 06 बजकर 24 मिनट से 08 बजकर 01 मिनट तक रहेगा.
सूर्य मंत्र का करें जाप - Chant the Surya Mantra
- ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।
- जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम ।
- तमोsरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोsस्मि दिवाकरम ।।
- ऊँ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यण्च ।
- हिरण्य़येन सविता रथेन देवो याति भुवनानि पश्यन ।।
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
- ऊँ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात ।।
भानु सप्तमी पूजा विधि - Bhanu Saptami Puja Vidhi
- पूजा से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करिए.
- पूजा स्थल को साफ करें और भगवान सूर्य की चित्र लगाएं.
- अब पूजा के लिए फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, और पवित्र जल इकट्ठा करें.
- भगवान सूर्य का आवाहन करें.
- भगवान सूर्य को पवित्र जल चढ़ाएं और उनकी पूजा करें.
- भगवान सूर्य को फूल चढ़ाएं और उनकी सुंदरता का वर्णन करें.
- अब धूप और दीप जलाएं और भगवान सूर्य की आरती करें.
- भगवान सूर्य को नैवेद्य चढ़ाएं .
- सूर्य मंत्रों का जाप करें.
- अंत में भगवान सूर्य की आरती करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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