Bhai Dooj 2022 Date, Shubh Muhurat and Puja Vidhi: भाई दूज का त्योहार हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इस साल भाई दूज का त्योहार 27 अक्टूबर, 2022 को यानी आज है. पड़ रहा है. हिंदू धर्म में भाई दूज पर्व का खास महत्व है. इस पर्व को यम द्वितीया भी कहते हैं. भाई दूज रक्षाबंधन पर्व की तरह ही भाई-बहन के आपसी प्रेम का प्रतीक है. इस पावन पर्व पर बहने अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर भगावन से उनके लंबी उम्र की कामना करते हैं. भाई दूज के लिए आज की तिथि खास मानी जा रही है. दरअसल हिंदू पंचांग के अनुसार, आज 4 शुभ योग बन रहे हैं जो कि भाई दूज की पूजा के लिए खास है. इस शुभ मुहू्र्तों में भाई को तिलक लगाना बेहद शुभ फलदायी माना जा रहा है. ऐसे में जानते हैं कि भाई दूज पर आज कौन-कौन से शुभ योग बन रहे हैं.
भाई दूज 2022 तिथि | Bhai Dooj 2022 Date
भाई दूज का पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इस साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 26 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 42 मिनट से शुरू हो रही है. वहीं द्वितीया तिथि का समापन 27 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर होगा. ऐसे में उदया तिथि की मान्यतानुसार, भाई दूज 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस दिन भाई को तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 14 मिनट से 12 बजकर 47 मिनट तक है.
भाई दूज शुभ मुहूर्त | Bhai Dooj Shubh Muhurat
सर्वार्थ सिद्धि योग- हिंदू पंचांग के अनुसार सर्वार्थ सिद्धि योग आज 12 बजकर 42 मिनट से 28 अक्टूबर को सुबह 5 बजकर 38 मिनट तक है.
अभिजीत मुहूर्त- अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक है.
सौभाग्य योग- सौभाग्य योग आज सूर्योदय से लेकर अगले दिन सुबह 4 बजकर 33 मिनट तक है.
आयुष्मान योग- आयुष्मान योग आज सुबह सूर्योदय से लेकर 7 बजकर 27 मिनट तक है.
भाई दूज पूजा विधि | Bhai Dooj 2022 Puja Vidhi
धार्मिक मान्यता के अनुसार, भाई दूज के दिन बहन और भाई दोनों सुबह उठकर स्नान कर लें. इसके बाद साफ वस्त्र पहनकर सबसे पहले सूर्य देव को जल अर्पित करें. इसके बाद शुभ मुहूर्त में भाई पूजा की थाली तैयार करें. पूजा की थाली में रोली, चंदन, अक्षत और धूप-दीप, मिठाई रखें. दीप जलाकर भाई की आरती उतारें. उसके बाद उनके माथे पर चंदन का तिलक लगाएं. तिलक लगाते वक्त "भ्रातस्तवानुजाताहं भुंक्ष्व भक्तमिमं शुभं, प्रीतये यमराजस्य यमुनाया विशेषत:" इस मंत्र को बोलें. इसके बाद भाई को मिठाई खिलाएं. अगर भाई से बड़ी हैं तो उन्हें माथे पर हाथ रखकर आशीर्वाद दें. अगर बहन भाई को छोटी हैं तो भगवान से उनकी लंबी उम्र की कामना करें. भाई दूज की पूजा के बाद भाई को भोजन कराएं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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