
Astrolgy tips : साल 2025 को अगर अंक ज्योतिष के हिसाब से देखें तो इसका नंबर 9 है, जिसका स्वामी मंगल है. मंगल ग्रह साहस एवं पराक्रम का ग्रह होता है. लेकिन यह अगर कमजोर स्थिति में होता है तो आपके अंदर नकारात्मक भाव पैदा करता है, आपको बहुत ज्यादा गुस्सा आता है, विवाद एवं झगड़े उत्पन्न करने की कोशिश करता है. इस वर्ष की शुरुआत चतुर्थी तिथि में हुई है. जिस वक्त 2025 की शुरुआत हुई उस समय चतुर्थी तिथि और मृगशिरा नक्षत्र था. चतुर्थी तिथि में किया गया कार्य विभिन्न प्रकार की परेशानियां देता है और निष्फल रहता है. इसके अलावा मंगल की नीच स्थिति क्या कुछ करने वाली है देश-दुनिया में आइए जानते हैं आगरा के ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र से.
कैसा रहेगा साल 2025
पंडित अरविंद मिश्र बताते हैं कि यदि ग्रह गोचर की दृष्टि से देखें तो अक्टूबर 2024 से मंगल लगातार अपनी नीच राशि कर्क में चल रहा है. जो वर्ष 2025 के शुभारंभ के समय भी चल रहा था. जब नीच राशि में मंगल होता है, तब देश में अथवा अन्य देशों में विभिन्न प्रकार के विवाद, उपद्रव, रेल, हवाई दुर्घटनाएं आदि होती हैं.
इस साल का राजा है 'रवि'22 अप्रैल को पुलवामा में आतंकवादी हमला, उसके बाद भारत और पाकिस्तान का युद्ध, और फिर 12 जून को अहमदाबाद विमान दुर्घटना. ग्रह नक्षत्रों की बिगड़ी चाल का ही नतीजा हैं. आपको बता दें कि इस वर्ष का राजा रवि अर्थात सूर्य भी क्रोध और आक्रामकता वाला है. मंत्री भी रवि है. जिस वजह से विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
पश्चिमी देशों में आपसी युद्ध बढ़ेगाइस वर्ष शनि, राहु, केतु, बृहस्पति चार ग्रहों ने राशि परिवर्तन किया है. बृहस्पति 18 मई को मिथुन राशि पर आए हैं, जो उनके शत्रु ग्रह बुध की राशि है. 18 मई को राहु कुंभ राशि में आया है, और केतु सिंह राशि में और 29 अप्रैल को शनि मीन राशि में. जिस कारण इस वर्ष में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं.
6 जून को मंगल ग्रह सिंह राशि में रात्रि में 2 बजकर11 मिनट पर जहां 18 मई से केतु चल रहा है. मंगल और केतु के योग पर कुंभ राशि में चल रहा है. राहु की सप्तम् एवं पूर्ण दृष्टि पड़ रही है. जिस कारण यूक्रेन रूस, इजरायल फिलिस्तीन तो युद्ध चल ही रहा था और ईरान से भी युद्ध शुरू हो गया है.
13 जुलाई को शनि वक्री13 जुलाई को शनि वक्री हो जाएगा. जब ग्रह वक्री हो जाता है तो जिस भाव पर उसकी दृष्टि पड़ रही है, उससे पूर्व के भाव पर भी दृष्टि डालता है. इस कारण सिंह राशि में मंगल व केतु पर शनि की दृष्टि भी 13 जुलाई से पड़ेगी. मंगल कन्या राशि में 28 जुलाई को प्रवेश करेगा. कन्या जुलाई के मंगल पर मीन राशि में चल रहे शनि की पूर्ण एवं सप्तम दृष्टि रहेगी. इस प्रकार ग्रहों की स्थिति को अगर देखें और उनका ज्योतिषी विश्लेषण करें तो यह 2025 विभिन्न प्रकार की दुर्घटनाओं और पश्चिमी देशों में आपसी युद्ध, भूकंप , भूस्खलन, भूकंप, भारी बारिश,आगजनी, सत्ता को लेकर खींचतान बढ़ जाएगी.
क्या करें उपाय
ऐसी स्थिति में लोगों को धैर्य एवं संयम से काम लेना होगा. नव ग्रहों की पूजा, शनि, राहु, केतु, बृहस्पति, मंगल ग्रह के मंत्रों का जप, इन ग्रहों से संबंधित वस्तुओं का दान करें. श्री हनुमान जी की आराधना करें और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें.
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