मध्य प्रदेश धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम का हो रहा है दुरूपयोग: आर्चबिशप

मध्य प्रदेश धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम का हो रहा है दुरूपयोग: आर्चबिशप

नई दिल्ली:

भोपाल के आर्चबिशप डॉ. लियो कार्नेलियो ने आज आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम का राज्य में दुरूपयोग किया जा रहा है। कार्नेलियो ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'राज्य में धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम का दुरूपयोग किया जा रहा है'। आर्चबिशप का यह बयान उस समय आया है, जब दो दिन पहले ही कैथोलिक धर्मनिरपेक्ष फोरम ने कहा था कि ईसाइयों पर हमलों की स्थिति मध्यप्रदेश में सबसे खराब है।

कार्नेलियो ने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वह भारत में धार्मिक सद्भाव और शांति चाहते हैं और वह इस मामले में अडिग हैं, लेकिन कुछ अलग-थलग पडे कुछ समूह इन हमलों के लिए जिम्मेदार हैं। यह पूछने पर कि क्या 2003 में प्रदेश की सत्ता में भाजपा के आसीन होने विशेषकर दस साल पहले चौहान के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ईसाइयों पर हमले बढे हैं, उन्होंने कहा कि इसके लिए अलग-थलग पडे कुछ समूह जिम्मेदार हैं। वास्तव में चौहान इसमें कहीं नहीं हैं।

आर्चबिशप ने कहा कि यह तो कानून की रखवाली करने वाली एजेंसियों की ड्यूटी है कि वह ईसाइयों पर होने वाले हमलों को नियंत्रित करें। उन्होने कहा कि कानून की रखवाली करने वाली एजेंसियों को इन हमलों की पडताल पूरी शिद्दत से करना चाहिए और इन अलग-थलग पडे समूहों के दबाव में नहीं आना चाहिए। उन्होने कहा कि हर धर्म में कट्टरपंथी होते हैं और यही लोग शांति को भंग करते हैं।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

उन्होने कहा कि दुनिया के कई हिस्सों में इस्लाम के नाम पर हिंसा फैलाई जा रही है, जबकि इस्लाम भाईचारे, शांति और प्रेम में विश्वास करता है, लेकिन कुछ कट्टरपंथी हैं, जो हिंसा में लिप्त हैं। एक अन्य सवाल के जवाब में डॉ. कार्नेलियो ने कहा कि मध्यप्रदेश धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम में जोर-जबरदस्ती, लालत देकर और धोखाधडी से धर्म परिवर्तन की मनाही है। इसके साथ ही प्रशासन को सूचित किए बिना भी धर्म परिवर्तन करने के लिए सजा का प्रावधान है।