Anant Chaturdashi 2023 : भाद्रपद के शुक्ल चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी का व्रत किया जाता है. इसी तिथि में हर साल 10 दिन तक चलने वाले गणेश महोत्सव का समापन बप्पा की मूर्ति विसर्जन के साथ किया जाता है. इस दिन किया जाने वाला व्रत बहुत फलदायी माना जाता है. मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी को भगवान विष्णु की पूजा सही विधि-विधान के साथ किया जाता है तो इसका लाभ लगभग 14 साल तक प्राप्त होता है. ऐसे में चलिए आपको बताते हैं 28 सितंबर को पड़ने वाली अनंत चतुर्दशी की पूजा विधि, मंत्र और महत्व.
गणपति बप्पा को विदा करने से पहले घर लें आए इनमें से कोई एक चीज
अनंत चतुर्दशी व्रत पूजा विधि 2023 | Anant Chaturdashi puja method 2023
1- अनंत चतुर्दशी को सुबह स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करके ममखिलपापक्षयपूर्वक शुभफलवर्द्धये श्रीमदनन्तप्रीतिकामनया अनन्तव्रत अहं करिष्ये ।। मंत्र जाप करते हुए व्रत का संकल्प लीजिए.
2- इसके बाद आप आस पास किसी नदी, तालाब या फिर घर के पूजा स्थान को साफ करके सर्वतोभद्र मण्डल बनाएं. फिर आप मिट्टी या फिर धातु का कलश स्थापित करके भगवान विष्णु की शेषनाग वाली प्रतिमा को स्थापित कर दीजिए.
3- अब आप विष्णु प्रतिमा के बगल में 14 ग्रन्थि वाला कच्चा सूत डोर रखिए. मान्यता है कि 14 गांठों में चौदह देवताओं का स्थान होता है इसलिए इस व्रत में चौदह ग्रंथि देवताओं का पूजन किया जाता है.
4- इस व्रत में तिल, घी, खांड, मेवा एवं खीर आदि से हवन करके अपने सामर्थ्य अनुसार गोदान और अन्नदान का विधान है. आप अपनी क्षमतानुसार इस व्रत में चौदह ब्राह्मणों को भोजन भी करा सकते हैं. इस व्रत में आप केले की पेड़ की भी पूजा करें.
अनंत सूत्र बांधने का मंत्र | Anant Chaturdashi Mantra
अनन्त संसार महासमुद्रे मग्नान् समभ्युद्धर वासुदेव।
अनन्तरूपे विनियोजितात्मा ह्यनन्तरूपाय नमो नमस्ते।।
अनंत चतुर्दशी व्रत महत्व | Anant Chaturdashi significance
इस व्रत को करने से धन, पद और प्रतिष्ठा प्राप्त होती है. विद्यार्थी वर्ग अगर इस पूजा को करता है तो फिर सफलता प्राप्त मिलती है कैरियर में.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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