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This Article is From Sep 05, 2022

Anant chaturdashi 2022: अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन का ये है शुभ मुहूर्त, जानें विधि और खास बातें

Anant chaturdashi 2022: अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्ण की पूजा-अर्चना होती है. इस दिन भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन भी किया जाता है. 

Anant chaturdashi 2022: अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन का ये है शुभ मुहूर्त, जानें विधि और खास बातें
Anant chaturdashi 2022: अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणपति का विसर्जन किया जाता है.

Anant chaturdashi 2022: हिंदू धर्म में अनंत चतुर्दशी व्रत को बेहद खास महत्व दिया गया है. दरअसल इस दिन भगवान विष्णु की पूजा होती है. पूजन के बाद अनंत नामक डोर बांधा जाता है. हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी (Anant chaturdashi 2022) मनाई जाती है. इसे अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है. इस व्रत में भगवान विष्णु के अनंन रूप की पूजा होती है. इस दिन भगवान गणेश (Lord Ganesha) की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है. इसके साथ ही इस दिन गणेशोत्सव का समापन होता है. इस बार अनंत चतुर्दशी का व्रत (Anant chaturdashi Vrat Date) 09 सितंबर को रखा जाएगा. आइए जानते हैं कि अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन (Ganesh Visarjan) का क्या शुभ मुहूर्त है और इससे जुड़ी खास बातें क्या-क्या हैं.

गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त | Ganesh Visarjan Shubh Muhurat

शास्त्रों के मुताबिक अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति बप्पा की विदाई की जाती है. यानी इस दिन भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है. अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश का विसर्जन शुभ माना जाता है.

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  • गणेश विसर्जन सुबह का मुहूर्त- सुबह 6 बजकर 03 मिनट से 10 बजकर 44 मिनट तक
  • गणेश विसर्जन दोपहर का मुहूर्त- दोपहर 12.18 से 1. 52 मिनट तक 
  • गणेश विसर्जन शाम का मुहूर्त- शाम को 5.00 बजे से शाम 6. 31 बजे तक 

अनंत चतुर्दशी शुभ मुहूर्त | Anant chaturdashi 2022 Shubh Muhurat

अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 25 मिनट से शाम 6 बजकर 07 मिनट तक है. चतुर्थी तिथि 08 सितंबर को सुबह 09 बजकर 02 मिनट से शुरू होकर 09 सितंबर को शाम 06 बजकर 07 मिनट तक चलेगी. 

अनंत चतुर्दशी पूजा विधि | Anant chaturdashi Puja Vidhi

सुबह स्नान के बाद पूजा स्थान पर कलश की स्थापना करें. इसके बाद कलश के पास भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर लगाएं. किसी धागे को केसर, कुमकुम, हल्दी से रंगकर अनंत सूत्र बनाएं. साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि इसमें 14 गांठे होनी चाहिए. इस सूत्र को भगवान के सामने रखें. इसके बाद भगवान विष्णु के अनंत सूत्र की पूजा करें. इसके बाद 'अनंत संसार महासुमद्रे मग्रं समभ्युद्धर वासुदेव। अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते.' इस मंत्र का जाप करें. पूजन के बाद अनंत धागे को अपनी बाजू पर बांध लें. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस अनंत धागा को बांधने से संकटों का नाश होता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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