Amarnath Yatra: अमरनाथ यात्रा शुरू, बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए 7500 से ज्‍यादा भक्‍त रवाना

उत्तरी कश्मीर (North Kashmir) के गांदरबल जिले में बालटाल (Baltal) आधार शिविर से 7,500 तीर्थयात्री सोमवार को अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) के लिए रवाना हुए.

Amarnath Yatra: अमरनाथ यात्रा शुरू, बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए  7500 से ज्‍यादा भक्‍त रवाना

Amarnath Yatra 2019: कड़ी सुरक्षा के बीच अमरनाथ यात्रा शुरू हो गई है

खास बातें

  • अमरनाथ यात्रा शुरू हो गई है
  • 7500 से ज्‍यादा तीर्थयात्रियों का जत्‍था रवाना हो चुका है
  • यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजमा किए गए हैं
जम्‍मू:

अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हो गई. 7,500 से ज्‍यादा तीर्थयात्री वार्षिक अमरनाथ यात्रा करने के लिए हिमालय की पवित्र गुफा में स्थित बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए रवाना हो गए. रविवार को कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) के लिए 2,000 से अधिक तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना होने के बाद 4,417 तीर्थयात्रियों का दूसरा जत्था जम्मू (Jammu) से गुफा के लिए रवाना हुआ.

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एक अधिकारी ने कहा कि श्रीनगर से जम्मू तक यातायात की अनुमति तब तक नहीं दी जाएगी, जब तक कि तीर्थयात्रियों का जत्था जवाहर सुरंग को पार नहीं कर जाता. अमरनाथ यात्रियों को ले जाने वाले किसी भी वाहन को पुंछ और राजौरी जिलों को जोड़ने वाले मुगल रोड पर जाने की अनुमति नहीं होगी.

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उत्तरी कश्मीर के गांदरबल जिले में बालटाल आधार शिविर से 7,500 तीर्थयात्री सोमवार को यात्रा के लिए रवाना हुए. शेष पहले ही पहलगाम मार्ग से होकर यात्रा करते हुए छड़ी मुबारक के साथ गुफा तक पहुंच चुके हैं. 

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समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित 45 दिवसीय वार्षिक यात्रा 15 अगस्त को सम्पन्न होगी.एक अधिकारी ने कहा, "सोमवार को 31 बच्चों के अलावा 3,543 पुरुषों, 843 महिलाओं का जत्था भगवती नगर यात्री निवास से 142 वाहनों के काफिले के साथ रवाना हुआ." 

उन्होंने कहा, "इनमें से 1,617 तीर्थयात्री बालटाल आधार शिविर और 2,800 पहलगाम आधार शिविर पहुंचेंगे. अधिकारियों ने जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर दोपहर 3.30 बजे तक विपरीत दिशा में किसी भी यातायात की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है ताकि घाटी की ओर यात्रियों के लिए सुगम मार्ग सुनिश्चित किया जा सके."

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जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक, जो श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अध्यक्ष भी हैं, मंदिर में विशेष पूजा में भाग लेंगे, जो परंपरागत रूप से पहले दिन की सुबह अमरनाथ गुफा में 'छड़ी मुबारक' के आगमन के साथ शुरू होती है.