Akshaya Tritiya 2024: वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अति शुभ तिथि माना जाता है और इस दिन अक्षय तृतीया (Akshaya tritiya) मनाया जाता है. अक्षय तृतीया या आखा तीज दस मई को मनाया जाएगा. मान्यता है कि इसी दिन धन के देवता कुबेर को सोने का भंडार प्राप्त हुआ था इस दिन धार्मिक अनुष्ठान करना और सोना-चांदी जैसी बहुमूल्य धातुओं की खरीदारी अत्यंत शुभ मानी जाती है. इससे धन की देवी लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) प्रसन्न होती है और अपनी कृपा दृष्टि हमेशा बनाए रखती है. इस दिन कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है. आइए जानते हैं अक्षय तृतीया के दिन भूलकर भी क्या करने से बचना जरूरी है.(Mistakes on Akshaya Tritiya)…..
100 साल तक जीना चाहते हैं तो ये 4 विटामिन अपनी डाइट में शामिल करें, फिर बीमार नहीं होंगे कभीअक्षय तृतीया की तिथि और मूहूर्तवैशाख माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि मई माह में 10 तारीख् को प्रात: 4 बजकर 17 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 11 मई को 2 बजकर 50 मिनट पर रहेगी. अक्षय तृतीया या आखा तीज दस मई को मनाया जाएगा. पूजा का समय प्रात: 5 बजकर 33 मिनट से दिन में 12 बजकर 18 मिनट तक है.
संध्या के बाद झाड़ू
सनातन धर्म में झाड़ू में माता लक्ष्मी का वास माना जाता है और संध्या समय के बाद जब घर में लक्ष्मी के आगमन का समय माना जाता है, झाड़ू लगाना वर्जित माना जाता है. अक्षय तृतीया के त्योहार के दिन संध्या के बाद झाड़ू लगाने की गलती न करें.
साफ सफाई का ध्यान
माता लक्ष्मी वहीं विराजती हैं जहां साफ सफा का पूरा ध्यान रखा गया हो. अक्षय तृतीया के दिन घर की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए. घर में कहीं भी गंदगी या अव्यवस्था नहीं हो, इसका पूरा ध्यान रखना चाहिए.
कलह से रहे दूर
अक्षय तृतीया के दिन द्यार में कलह क्लेश से बिलकुल बचना चाहिए. इस दिन बड़े बुजुर्गों के अपमान से माता लक्ष्मी रूष्ट हो सकती है. घर के दरवाजे पर आए किसी जरूरतमंद या भूखे व्यक्ति को निराश नहीं करना चाहिए.
जरूर करें ये
अक्षय तृतीया के दिन संध्या के बाद घर के द्वार और मंदिर में दीया जलाए और मुख्य द्वार पर अशोक या आम के पत्तों का तोरण लगाएं.
Akshaya Tritiya 2024: कब है अक्षय तृतीया | जानिए क्या है पौराणिक मान्यता
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