इस्‍लाम में 786 अंक शुभ क्‍यों माना जाता है?

इस्लाम में 786 का बहुत महत्व होता है. क्रेज़ इतना है कि हर कोई इस अंक के नोंटों को इकठ्ठा करता है और अपने पर्स में ज़रूर रखता है. कुछ लोग तो गाड़ी भी इसी नंबर की लेते हैं.

इस्‍लाम में 786 अंक शुभ क्‍यों माना जाता है?

इस्लाम में ये विश्वास है कि 786 को स्मरण करने से सभी कामों में बरकत होती है.

खास बातें

  • इस्लाम में 786 का बहुत महत्व
  • इस अंक को बिस्मिल्ला का रूप माना जाता है
  • बिस्मिल्ला अल रहमान अल रहीम' का योग है 786
नई दिल्ली:

अमिताभ बच्चन की फिल्म 'दीवार' और 'कुली' में आपको 786 अंक का कनेक्शन तो याद होगा. इन दोनों ही फिल्म में आपको इस नंबर की काफी अहमियत दिखाई गई है. वो इसीलिए क्योंकि इस्लाम में 786 का बहुत महत्व होता है. क्रेज़ इतना है कि हर कोई इस अंक के नोंटों को इकठ्ठा करता है और अपने पर्स में ज़रूर रखता है. कुछ लोग तो गाड़ी भी इसी नंबर की लेते हैं. इस्लाम में ये विश्वास है कि नंबर को स्मरण करने से सभी कामों में बरकत होती है. 

पढ़े ये भी - मंगलवार को करें ऐसा काम, हनुमान जी पूरी करेंगे सारी मनोकामनाएं

इसे पीछे की वजह ये है कि हर मुस्लिम इस अंक को बिस्मिल्ला का रूप मानता है. ऐसा माना जाता है कि अरबी या उर्दू में 'बिस्मिल्ला अल रहमान अल रहीम' को लिखेंगे तो उसका योग 786 आता है. इसीलिए इस अंक को इस्लाम मानने वाला हर व्यक्ति पाक मानता है. 

पढ़ें ये भी - कहीं आप भी तो गलत तरह से नमस्कार नहीं करते? इन 4 स्टेप्स से जानिए सही तरीका


देखें वीडियो - आस्था की प्रतीक अमरनाथ यात्रा​


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com