विज्ञापन
This Article is From Apr 27, 2024

27 या 28 अप्रैल कब है संकष्टी चतुर्थी, डेट को लेकर हैं कंफ्यूज तो यह है सही तारीख, यहां जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Sankashti Chaturthi auspicious time : संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश और चंद्रमा की विधि विधान से पूजा की जाती है. तो आईए जानते हैं विकट संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का समय.

27 या 28 अप्रैल कब है संकष्टी चतुर्थी, डेट को लेकर हैं कंफ्यूज तो यह है सही तारीख, यहां जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
Vikat Sankashti Chaturthi : ये है संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि.

Sankashti Chaturthi Date 2024: कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन इस साल संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) पड़ रही है. अप्रैल के महीने में पढ़ने वाली इस चतुर्थी को विकट संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. माताएं इस दिन संतान की प्राप्ति और संतान की लंबी उम्र के लिए व्रत रखते हैं. विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश (Lord Ganesha) और चंद्रमा (Moon) की विधि विधान से पूजा की जाती है. तो आईए जानते हैं विकेट संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का समय.

बजरंग बली को प्रसन्न करना है तो रोज पूजा में चढ़ाएं ये फूल, जमकर बरसेगी कृपा

संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त 

  • चतुर्थी तिथि प्रारंभ - 27 अप्रैल, 2024, सुबह 08 बजकर 17 बजे
  • चतुर्थी तिथि समाप्त - 28 अप्रैल, 2024, सुबह 08 बजकर 21 बजे
  • संकष्टी के दिन चंद्रोदय का समय- रात 10 बजकर 23 बजे 
Latest and Breaking News on NDTV

 संकष्टी चतुर्थी पूजा की विधि

 संकष्टी चतुर्थी की पूजा करने के लिए सबसे पहले भगवान गणेश का जलाभिषेक करें.फिर भगवान श्री  गणेश को फूल, फल चढ़ाएं और पीला चंदन लगाएं.  भगवान गणेश को तिल के लड्डू या मोदक का भोग लगाएं.  भोग लगाने के बाद विकट संकष्टी चतुर्थी की कथा पढ़े. ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें. इसके बाद भगवान श्री गणेश की आरती करें और चंद्रमा को देखकर प्रार्थना करें.  चंद्रमा को देखकर अपना व्रत खोलने और किसी भी तरह की गलती की माफ़ी के लिए क्षमा प्रार्थना करें.

 चंद्रमा निकलने का समय

 27 अप्रैल 2024 को रात 10: 30 मिनट पर सूर्योदय होगा.  हालांकि अलग अलग शहरों में चांद निकलने के समय में थोड़ा सा अंतर हो सकता है.  चंद्रोदय और चंद्रमा दर्शन के बाद व्रत संपूर्ण माना जाता है. 

Latest and Breaking News on NDTV

गणेश जी की आरती 


जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती
पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे
मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती
पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे
संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती
पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत
निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती
पिता महादेवा ॥

'सूर' श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती
पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती
पिता महादेवा ॥

दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो
जाऊं बलिहारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती
पिता महादेवा ॥

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

गर्मियों में भी फटने लगी हैं एड़ियां, तो जानिए इसका कारण और घरेलू उपचार

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com