विज्ञापन
This Article is From Sep 22, 2014

हरियाणा विधानसभा चुनावों में सिख वोटों की सियासत

हरियाणा विधानसभा चुनावों में सिख वोटों की सियासत
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की फाइल फोटो
चंडीगढ:

लड़ाई सिख वोटरों की है। कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोक दल के बीच तलवारें खिंच गई हैं। आईएलएलडी ने अकाली दल सुप्रीमो और पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को अपना स्टार प्रचारक बनाया है। जवाब में कांग्रेस ने भी पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को मैदान में उतारने का फ़ैसला किया है।

हरियाणा की 90 में से 20 सीटों पर सिख वोटरों की अच्छी तादाद है और बीजेपी को इसी की चिंता सता रही है।

बीजेपी की मुश्किल यह है कि पंजाब में उसके सहयोगी बादल हरियाणा में विरोधी दल के लिए प्रचार करेंगे। अब कैप्टन अमरिंदर के मैदान में आने से पार्टी पर दोहरी मार पड़ेगी क्योंकि उनके निशाने पर पंजाब की अकाली−बीजेपी सरकार रहेगी।

पंजाब के नेताओं की हरियाणा में मौजूदगी से दशकों पुराने कई विवादों को हवा मिलने के आसार हैं। हरियाणा सतलज−यमुना लिंक नहर के लिए रावी−ब्यास से अपने हिस्से का पानी मांग रहा है। राजधानी चंडीगढ़ पर भी दोनों राज्यों में विवाद है। और हरियाणा के गुरुद्वारों के लिए अलग प्रबंध समिति पर भी गतिरोध क़ायम है।

हरियाणा को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह और बादल दोनों का नज़रिया विवादित रहा है। ऐसे कयास लग रहे हैं कि बीजेपी नवजोत सिंह सिद्धू जैसे चेहरे को प्रचार में उतार कर नुकसान की कुछ हद तक भरपाई कर सकती है। लेकिन, अमृतसर लोकसभा सीट छिनने से नाराज़ चल रहे सिद्धू पार्टी की कितनी मदद करेंगे यह भी लाख टके का सवाल है।

सिख वोटरों को लामबंद करने की कवायद में पंजाब के धुर विरोधी हरियाणा की चुनावी जंग में दो−दो हाथ करेंगे। कैप्टन अमरिंदर और बादल जहां भी बरसेंगे बीजेपी को सबसे ज़्यादा नुकसान होगा। दोनों नेताओं की भूमिका सिर्फ चुनाव प्रचार तक सीमित रहेगी। दोनों राज्यों के बीच पांच दशक से चल रहे पुराने मसलों पर शायद ही कोई गंभीर चर्चा हो।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2014, हरियाणा में सिख वोटर, प्रकाश सिंह बादल, अमरिंदर सिंह, Haryana Assembly Polls 2014, Sikh Voters In Haryana, Prakash Singh Badal, Amrinder Singh