
क्या दिल्ली में चलने वाले CNG ऑटो गुजरे दिनों की बात हो जाएंगे? दिल्ली में 3 कार वाले क्या नई कार क्या ले पाएंगे? यह सवाल इसलिए क्योंकि राजधानी की हवा की सेहत सुधारने के लिए दिल्ली सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. दिल्ली में 40 फीसदी प्रदूषण वाहनों की वजह से होता है. इसी के चलते अब दिल्ली में ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन चलें, इसकी कोशिश में सरकार जुटी है. सूत्रों के मुताबिक दिल्ली का पर्यावरण बेहतर करने के लिए सरकार EV Policy बना रही है.
जरा पहले जानें दिल्ली में गाड़ियां हैं कितनी
- दिल्ली में करीब 90 हजार ऑटो रिक्शा हैं.
- 31 मार्च 2023 तक दिल्ली में कुल 79.5 लाख गाड़ियां थीं
- इसमें से प्राइवेट गाड़ियां की संख्या 20.7 लाख थी
- दिल्ली में कुल 1.2 करोड़ गाड़ियां रजिस्टर्ड हैं
- इसमें से 33.8 लाख प्राइवेट कारें
EV policy के ड्राफ्ट में क्या-क्या?
- सूत्रों के मुताबिक, 15 अगस्त 2025 से दिल्ली में नए सीएनजी ऑटो-रिक्शा का पंजीकरण नहीं होगा.
- सभी सीएनजी ऑटो परमिट 15 अगस्त 2025 से केवल ई-ऑटो परमिट से बदले जाएंगे.
- 10 साल से पुराने सीएनजी ऑटो-रिक्शा को इलेक्ट्रिक ऑटो-रिक्शा से बदलना अनिवार्य होगा.
- 15 अगस्त 2026 से पेट्रोल/डीजल/सीएनजी दो-पहिया वाहनों का पंजीकरण नहीं किया जाएगा.
- 15 अगस्त 2025 से डीजल/पेट्रोल/सीएनजी तीन-पहिया माल वाहनों का पंजीकरण बंद हो जाएगा.
- सभी कचरा एकत्रित करने वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहनों में बदला जाएगा और 100% इलेक्ट्रिक लक्ष्य 31 दिसंबर 2027 तक प्राप्त किया जाएगा.
- केवल इलेक्ट्रिक बसों की खरीद की जाएगी. बीएस VI बसें सिर्फ अंतर-राज्यीय परिचालन के लिए उपयोग होंगी.
- दिल्ली में निजी कार मालिकों को तीसरी या उससे अधिक कार के लिए केवल इलेक्ट्रिक कार खरीदनी होगी, यदि वही पता पंजीकरण में है. इसे आप ऐसे समझिए कि यदि आपके पास 2 कारें हैं और तीसरी खरीदने जा रहे हैं, तो आपको इलेक्ट्रिक कार ही खरीदनी होगी.
बता दें कि इस ड्राफ्ट पॉलिसी को रिकमेंडेशन के लिए सभी स्टेकहोल्डर्स के पास भेजा जाएगा. जिसके बाद रिकमेंडेशन पर विचार कर पॉलिसी को कैबिनेट में भेजा जाएगा. ये ड्राफ्ट तैयार किया गया है, दिल्ली सरकार के कैबिनेट की मंजूरी के बाद ही लागू हो सकता है.
दिल्ली में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुका है. इसे देखते हुए सरकार ने यह भी ऐलान किया है कि 2026 तक राजधानी में 48 हजार ईवी चार्जिंग पॉइंट स्थापित किए जाएंगे. साथ ही, छह नए वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र बनाए जाएंगे, ताकि प्रदूषण के स्तर पर नजर रखी जा सके. बाहरी गाड़ियों की एंट्री को नियंत्रित करने के लिए भी एक नई पॉलिसी लाने की बात कही जा रही है.

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह नीति न केवल पर्यावरण को बचाने में मदद करेगी, बल्कि दिल्ली को एक हरित शहर के रूप में भी स्थापित करेगी. हालांकि, यह नीति अभी मसौदे के रूप में है और इसे लागू करने से पहले जनता और विशेषज्ञों के सुझाव लिए जाएंगे. ऑटो चालकों के लिए सब्सिडी और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है, ताकि इस बदलाव को आसानी से लागू किया जा सके. दिल्लीवासियों को अब इस नीति के अमल में आने का इंतजार है, जो प्रदूषण से जूझ रही राजधानी के लिए एक नई उम्मीद लेकर आ सकती है.
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