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This Article is From Oct 04, 2017

जानिए अरविंद केजरीवाल ने क्यों कहा, मैं मुख्यमंत्री हूं, आतंकवादी नहीं

केजरीवाल ने 15 हजार गेस्ट टीचरों को नियमित करने के बिल का 'विरोध' करने के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल पर जमकर हमला बोला.

जानिए अरविंद केजरीवाल ने क्यों कहा, मैं मुख्यमंत्री हूं, आतंकवादी नहीं
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 15 हजार गेस्ट टीचरों को नियमित करने के बिल का 'विरोध' करने के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल पर जमकर हमला बोला. दिल्ली विधानसभा के एक-दिवसीय सत्र के दौरान केजरीवाल ने उपराज्यपाल, भाजपा और नौकरशाहों के बीच मिलीभगत होने के आरोप लगाए, जिस पर विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया. बैजल पर नाटकीय ढंग से प्रहार करते हुए केजरीवाल ने कहा, 'मैं एक निर्वाचित मुख्यमंत्री हूं, न कि आतंकवादी.' उन्होंने यह भी कहा, 'दिल्ली के मालिक हम हैं, न कि नौकरशाह.' उनके इस बयान का आम आदमी पार्टी के विधायकों ने मेज थपथपाकर स्वागत किया. सीएम केजरीवाल दिल्ली सरकार के स्कूलों में 15 हजार गेस्ट टीचरों को नियमित करने के लिए विधानसभा में पेश एक विधेयक पर चर्चा में वह भाग ले रहे थे. विधेयक को सदन में सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया.

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केजरीवाल ने आरोप लगाए कि शिक्षकों को नियमित करने से संबंधित फाइल उपराज्यपाल के निर्देश पर अधिकारियों ने कभी भी उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को नहीं दिखाए, जिनके पास शिक्षा विभाग भी है. केजरीवाल ने कहा, 'इन फाइलों में क्या गोपनीय बातें हैं, जो हमें नहीं दिखाई जा सकतीं? मैं एलजी से कहना चाहता हूं कि मैं दिल्ली का निर्वाचित मुख्यमंत्री हूं, न कि आतंकवादी. वह (मनीष सिसोदिया) निर्वाचित शिक्षा मंत्री हैं, न कि आतंकवादी.'

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उल्लेखनीय है कि उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए कहा था कि 'सेवाओं' से संबंधित मामले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के विधानसभा के दायरे से बाहर हैं और प्रस्तावित विधेयक संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक नहीं हैं. केजरीवाल ने बैजल की इस आपत्ति पर भी सवाल उठाए कि सरकार ने विधेयक पेश करने से पहले कानून विभाग से सलाह नहीं ली. उन्होंने कहा, 'देश लोकतंत्र से चलता है, नौकरशाही से नहीं. दिल्ली के हम मालिक हैं. वे (नौकरशाह) हमारे आदेशों का पालन करेंगे.'

VIDEO : दिल्ली में गेस्ट टीचरों की नौकरी पक्की करने में फंसा पेंच
आप के 2015 में सत्ता में आने के बाद से नौकरशाही से उसके रिश्ते अच्छे नहीं हैं, खासकर राजधानी के प्रशासनिक ढांचे के मामले जहां निर्वाचित मुख्यमंत्री से ज्यादा शक्तियां उपराज्यपाल के पास होती हैं. (इनपुट भाषा से)

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