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This Article is From Aug 23, 2016

अतिथि देवो भवः डेस्टिनेशन इंडिया, इंक्रेडिबल इंडिया या फर्जी इंडिया?

अतिथि देवो भवः डेस्टिनेशन इंडिया, इंक्रेडिबल इंडिया या फर्जी इंडिया?
धोखाधड़ी के शिकार हुईं जर्मनी की निना और स्पेन के एलेक्स
नई दिल्ली: अतिथि देवो भवः में हमारा यकीन है. 'अतुल्य भारत' को लेकर सरकार करोड़ों रुपये विज्ञापन में खर्च कर रही है लेकिन जिन विदेशी सैलानियों को लुभाने को लेकर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, उनके साथ राष्ट्रीय राजधानी में धोखाधड़ी करके भारत की साख को बट्टा लगाया जा रहा है. सैलानी इंसाफ के लिए थाने दर थाने भटक रहे हैं लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

मामला हाल ही में ठगी के शिकार हुए जर्मनी, जापान और स्पेन के तीन सैलानियों से जुड़ा है. भारत की जमीन पर कदम रखते ही इन तीनों के साथ टैक्सी चालक से लेकर ट्रैवल एजेंसी संचालक ने धोखाधड़ी करके करीब डेढ़ लाख से  ज्यादा रुपए ठग लिए.

कनॉट प्लेस थाने से निकलने पर डूबे पैसे को लेकर हताशा और भारत को लेकर निराशा उनके चेहरे पर साफ तौर पर झलक रही थी. ठगे जाने और थानों के चक्कर लगाने के बाद जापानी सैलानी शोतारो ने भारत को 100 में 10 नंबर दिए. कहा अनुभव अच्छा नहीं. पता नहीं पैसे मिलेंगे की नहीं? और सैलानियों  से बात करने की कोशिश की, लेकिन जब पूरा देश भ्रमण, थाना भ्रमण करवा दे तो भला बोलने को बचा क्या है? लिहाजा जर्मनी और स्पेन के सैलानी ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.

जर्मनी की निना और स्पेन के एलेक्स काट रहे थानों के चक्कर
जर्मनी की निना और स्पेन के एलेक्स ने दिल्ली के ज्वाइंट सीपी क्राइम को दिए अपनी शिकायत में लिखा है कि 2 अगस्त की रात जब ये दोनों भारत घूमने के लिहाज से इंदिरागांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट उतरे तो 150 रुपये में पहाड़गंज के लिए टैक्सी ली. टैक्सी चालक उन्हें किसी ऐसी जगह ले गया जहां सड़क बंद पड़ी थी. टैक्सीवाले ने बताया कि सीजन की वजह से दिल्ली बंद है. लिहाजा पहाड़गंज के बुक्ड होटल तक पहुंचना मुमकिन नहीं. फिर वह निना और एलेक्स को कनॉट प्लेस की एक ट्रैवेल एजेंसी ले गया. जहां इन्हें 80 हजार में जयपुर, आगरा, वाराणसी और गोरखपुर के टूर पैकेज पर टैक्सी से रवाना कर दिया गया.
 

एक दिन बाद बुक्ड होटल मालिक को कॉल करने पर इन्हें पता चला कि उन्हें ठगा गया है तो दिल्ली आने पर 19 अगस्त को सबसे पहले करीब 12 बजे पुलिस हेडक्वार्ट गए. जहां लोकल थाने जाने को कहा गया. फिर 19 अगस्त को ही दोपहर 3 बजे ये पहाड़गंज थाने में पुलिस की शरण में गए. वहां से इन्हें बिना कुछ किए रफा-दफा कर दिया गया. फिर शाम करीब साढे चार बजे मीडिया के दबाव में पुलिस ने इन्हें फिर से पहाड़गंज थाने ले आई और खानापूर्ति करके कनॉट प्लेस थाने के लिए चलता कर दिया जहां की ट्रैवेल एजेंसी थी.

इसी बीच पुलिस आरोपी ट्रैवेल एजेंसी वालों को भी कनॉट प्लेस थाने बुला लाई. जैसे ही हमने उनसे बात करने की कोशिश की, वो भागने लगे. एक तो भागने में कामयाब रहा जबकि दूसरे साथी को पकड़ लिया गया. पूछताछ करने पर कथित आरोपी सवालों का जवाब देने से कतराता रहा.

जापानी शैलानी शोतारो भी हुए ठगी के शिकार
9 अगस्त को जापान से एयरपोर्ट पर उतरे शोतारो के साथ भी ठीक यही कहानी दोहरा गई. प्रीपेड टैक्सीवाले ने इस बार अपना उल्लू सीधा किया और ट्रैवेल एजेंसी वाले ने टैक्सी से आगरा, जयपुर और फिर ट्रेन से मुंबई जाने के पैकेज के तौर पर करीब 65 हजार वसूल लिए. पहाड़गंज के होटल मालिक ने इमेल करके जब नहीं पहुंचने की वजह पूछी तो इस गोरखधंधे का राज खुला.

एयरपोर्ट से रची जाने लगती है ठगी की साजिश
 राजधानी के इंदिरागांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट सैलानियों के कदम रखते ही उन्हें अपने जाल में फंसाने की साजिश रची जाने लगती है. गोरखधंधा को अंजाम देने वाले टैक्सी ऑपरेटर्स की नज़र मेहमान और देश के सम्मान से ज्यादा मोटामाल बनाने पर रहती है. 'दिल्ली बंद है', 'आप होटल नहीं पहुंच सकते', 'रास्ता बंद है', 'इस सीजन में जाना मुमकिन नहीं' जैसे झूठे जुमलों का प्रयोग किया जाता है.

 

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