
गोवा का सीएम पारसेकर की फाइल फोटो
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सीएम ने विधानसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में यह बात की
गिरफ्तार सैलानियों को केस के निपटारे तक राज्य में रुकने की इजाजत होती है
राज्य में फॉरेंसिक लैब नहीं होने की वजह से केस की सुनवाई में वक्त लगता है
पारसेकर ने बीजेपी विधायक, ग्लेन टिक्लो द्वारा विधानसभा में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, 'मुझे शक है कि कुछ विदेशी जो गोवा में रुकना चाहते हैं, नशीले पदार्थ से जुड़े छोटे मामलों के तहत जानबूझकर गिरफ्तार होते हैं. जब वे जमानत पर बाहर आते हैं और मामले की सुनवाई होती है तो इसके निपटारे तक उन्हें राज्य में रुकने की इजाजत दी जाती है.'
उन्होंने कहा कि जब किसी आरोपी को नशीले पदार्थ मामलों के तहत गिरफ्तार किया जाता है और वह जमानत पर बाहर आता है तो फिर पुलिस को आरोप पत्र दाखिल करने में समय लगता है, क्योंकि मामले में बरामद किए गए पदार्थ की फॉरेंसिक जांच की जरूरत होती है.
पारसेकर ने स्वीकर किया कि गोवा के पास इसका अपना फॉरेंसिक लैब नहीं है, जिसकी वजह से रिपोर्ट आने में समय लगता है. उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह के विदेशियों के लिए केंद्र स्थापित करने की प्रक्रिया में है, ताकि मामले की सुनवाई खत्म होने तक उन्हें राज्य मे स्वतंत्र रूप से घूमने की इजाजत देने के बजाय इस केंद्र में रखा जाए.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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