'लोकल सर्किल' नामक एक संस्था ने दिल्ली सरकार के दो साल का कार्यकाल पूरा होने पर सर्वे किया. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
14 फ़रवरी 2017 को दिल्ली सरकार के दो साल का कार्यकाल पूरा हो गए. दो साल पहले जब विधानसभा चुनाव हुए, तब किसी को यह विश्वास नहीं था कि एक नई पार्टी 70 सीटों से 67 सीट जीतेगी, लेकिन ऐसा हुआ और दिल्ली सरकार ने 67 सीट जीतकर इतिहास रचा. 'लोकल सर्किल' नामक एक संस्था ने दिल्ली सरकार के दो साल का कार्यकाल पूरा होने पर सर्वे किया. लोकल सर्किल ने इस सर्वे के जरिए 20,000 से भी ज्यादा लोगों से अलग-अलग सवाल पूछे और अलग-अलग सवाल पर 45,000 वोट मिले. इनमें से 66 प्रतिशत पुरुष थे और 34 प्रतिशत महिलाएं. सर्वे में यह नतीजा सामने आया...
जलापूर्ति : दिल्ली के 41 प्रतिशत लोग पानी की सप्लाई से खुश नज़र आए. 41 प्रतिशत लोगों का कहना है कि दिल्ली में पानी की सप्लाई में सुधार हुआ है, जबकि 44 प्रतिशत लोगों का कहना है कि कोई सुधार नहीं हुआ है. दो साल पहले जैसा था, हालात वैसे ही हैं. 15 प्रतिशत लोगों ने कहा कि स्थिति पहले से ज्यादा खराब हो गई है.
पावर सप्लाई : पावर सप्लाई को लेकर 38 प्रतिशत लोगों ने कहा उनकी कॉलोनी में पावर सप्लाई अच्छी हुई है, जबकि 48 प्रतिशत लोगों ने कहा कि पावर सप्लाई में कोई सुधार नहीं हुआ है. हालात दो साल पहले जैसे थे, वैसे ही हैं. 14 प्रतिशत लोगों ने कहा पावर सप्लाई और खराब हो गई है.
सरकार के कदम की वजह से भ्रष्टाचार में कमी आई है : लोगों का कहना है कि भ्रष्टाचार को रोकने के मामले में दिल्ली सरकार ने अच्छा काम काम किया है. 61 प्रतिशत लोगों ने कहा अपना काम करवाने के लिए उन्हें दिल्ली सरकार के किसी भी डिपार्टमेंट में घूस नहीं देनी पड़ी, जबकि 19 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अपना काम करवाने के लिए उन्हें घूस देनी पड़ी. 20 प्रतिशत लोगों इस सवाल का जवाब नहीं दिया.
मोहल्ला क्लिनिक : मोहल्ला क्लिनिक के मामले में लोगों ने दिल्ली सरकार की तारीफ की. दिल्ली के 31 प्रतिशत लोगों ने कहा कि मोहल्ला क्लिनिक की वजह से स्वास्थ्य सेवा में सुधार आया है, जबकि 54 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इसका कोई फ़ायदा नहीं हुआ है.
स्कूल शिक्षा : दिल्ली सरकार शिक्षा को लेकर ज्यादातर समय चर्चा में रहती है और शिक्षा के सुधार के लिए दिल्ली सरकार ने कई कदम भी उठाए हैं. 34 प्रतिशत लोगों ने कहा कि दिल्ली सरकार के प्रयास की वजह से शिक्षा में सुधार हुआ है, जबकि 49 प्रतिशत लोगों ने कहा कि कोई सुधार नहीं हुआ है.
प्रदूषण : दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए कई कदम उठाए, जिसमें ऑड-ईवन जैसे नियम शामिल हैं. दिल्ली के 23 प्रतिशत लोगों ने सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की, जबकि 23 प्रतिशत लोगों ने कहा कि सरकार की खराब रणनीति की वजह से इन कदमों का ज्यादा फायदा नहीं हुआ. दिल्ली के 63 प्रतिशत लोगों ने प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए उठाए गए क़दमों को कमज़ोर बताया.
व्यापार : 47 प्रतिशत लोगों ने कहा कि दिल्ली में बिज़नेस शुरू करना बहुत बड़ी समस्या है. 18 प्रतिशत लोगों ने कहा दिल्ली में बिज़नेस करना आसान होता जा रहा है. जबकि 35 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे इसके बारे में निश्चित नहीं है.
सर्वे में सरकार के लिए जो सकारात्मक रहा : दिल्ली में भ्रष्टाचार में कमी आई है. लोगों के पानी और बिजली बिल में कटौती हुई है. मोहल्ला क्लिनिक की वजह से ग़रीबों को फायदा हुया है.सरकारी स्कूलों को ज्यादा फंड मिल रहा है और सरकारी स्कूलों के प्रति सरकार का ध्यान बढ़ा है.
सर्वे में सरकार के लिए जो नकारात्मक रहा : मुख्यमंत्री और उनकी आम आदमी पार्टी को प्रमोट करने के लिए सरकार अच्छी-खासी राशि खर्च कर रही है. राज्य के विकास के लिए दिल्ली सरकार केंद्र के साथ काम करने के लिए तालमेल विकसित करने में सक्षम नहीं हो पाई है, न कोई प्रयास किए जा रहे हैं. राज्य में सुरक्षा के स्तर में सुधार नहीं हुआ और विशेष रूप से महिलाएं अभी भी असुरक्षित महसूस कर रही हैं. राज्य के बुनियादी ढांचे में कोई बड़ा सुधार नहीं हुआ है. राज्य में सार्वजनिक परिवहन में सुधार लाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं.
जलापूर्ति : दिल्ली के 41 प्रतिशत लोग पानी की सप्लाई से खुश नज़र आए. 41 प्रतिशत लोगों का कहना है कि दिल्ली में पानी की सप्लाई में सुधार हुआ है, जबकि 44 प्रतिशत लोगों का कहना है कि कोई सुधार नहीं हुआ है. दो साल पहले जैसा था, हालात वैसे ही हैं. 15 प्रतिशत लोगों ने कहा कि स्थिति पहले से ज्यादा खराब हो गई है.
पावर सप्लाई : पावर सप्लाई को लेकर 38 प्रतिशत लोगों ने कहा उनकी कॉलोनी में पावर सप्लाई अच्छी हुई है, जबकि 48 प्रतिशत लोगों ने कहा कि पावर सप्लाई में कोई सुधार नहीं हुआ है. हालात दो साल पहले जैसे थे, वैसे ही हैं. 14 प्रतिशत लोगों ने कहा पावर सप्लाई और खराब हो गई है.
सरकार के कदम की वजह से भ्रष्टाचार में कमी आई है : लोगों का कहना है कि भ्रष्टाचार को रोकने के मामले में दिल्ली सरकार ने अच्छा काम काम किया है. 61 प्रतिशत लोगों ने कहा अपना काम करवाने के लिए उन्हें दिल्ली सरकार के किसी भी डिपार्टमेंट में घूस नहीं देनी पड़ी, जबकि 19 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अपना काम करवाने के लिए उन्हें घूस देनी पड़ी. 20 प्रतिशत लोगों इस सवाल का जवाब नहीं दिया.
मोहल्ला क्लिनिक : मोहल्ला क्लिनिक के मामले में लोगों ने दिल्ली सरकार की तारीफ की. दिल्ली के 31 प्रतिशत लोगों ने कहा कि मोहल्ला क्लिनिक की वजह से स्वास्थ्य सेवा में सुधार आया है, जबकि 54 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इसका कोई फ़ायदा नहीं हुआ है.
स्कूल शिक्षा : दिल्ली सरकार शिक्षा को लेकर ज्यादातर समय चर्चा में रहती है और शिक्षा के सुधार के लिए दिल्ली सरकार ने कई कदम भी उठाए हैं. 34 प्रतिशत लोगों ने कहा कि दिल्ली सरकार के प्रयास की वजह से शिक्षा में सुधार हुआ है, जबकि 49 प्रतिशत लोगों ने कहा कि कोई सुधार नहीं हुआ है.
प्रदूषण : दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए कई कदम उठाए, जिसमें ऑड-ईवन जैसे नियम शामिल हैं. दिल्ली के 23 प्रतिशत लोगों ने सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की, जबकि 23 प्रतिशत लोगों ने कहा कि सरकार की खराब रणनीति की वजह से इन कदमों का ज्यादा फायदा नहीं हुआ. दिल्ली के 63 प्रतिशत लोगों ने प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए उठाए गए क़दमों को कमज़ोर बताया.
व्यापार : 47 प्रतिशत लोगों ने कहा कि दिल्ली में बिज़नेस शुरू करना बहुत बड़ी समस्या है. 18 प्रतिशत लोगों ने कहा दिल्ली में बिज़नेस करना आसान होता जा रहा है. जबकि 35 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे इसके बारे में निश्चित नहीं है.
सर्वे में सरकार के लिए जो सकारात्मक रहा : दिल्ली में भ्रष्टाचार में कमी आई है. लोगों के पानी और बिजली बिल में कटौती हुई है. मोहल्ला क्लिनिक की वजह से ग़रीबों को फायदा हुया है.सरकारी स्कूलों को ज्यादा फंड मिल रहा है और सरकारी स्कूलों के प्रति सरकार का ध्यान बढ़ा है.
सर्वे में सरकार के लिए जो नकारात्मक रहा : मुख्यमंत्री और उनकी आम आदमी पार्टी को प्रमोट करने के लिए सरकार अच्छी-खासी राशि खर्च कर रही है. राज्य के विकास के लिए दिल्ली सरकार केंद्र के साथ काम करने के लिए तालमेल विकसित करने में सक्षम नहीं हो पाई है, न कोई प्रयास किए जा रहे हैं. राज्य में सुरक्षा के स्तर में सुधार नहीं हुआ और विशेष रूप से महिलाएं अभी भी असुरक्षित महसूस कर रही हैं. राज्य के बुनियादी ढांचे में कोई बड़ा सुधार नहीं हुआ है. राज्य में सार्वजनिक परिवहन में सुधार लाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं.
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