यह अखबार पिछले हफ्ते पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के मौके पर उनका आलोचक रहा था
न्यूयॉर्क:
भारत-अमेरिका के बीच गहरे होते संबंधों को अमेरिका के प्रमुख अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने राष्ट्रपति बराक ओबामा की 'अति महत्वपूर्ण विदेश नीति उपलब्धियों' में एक करार दिया है।
इसके साथ अखबार ने कहा कि दोनों लोकतंत्रात्रिक देशों का दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रामक रवैये का मुकाबला करने, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष और एक दूसरे के आर्थिक विकास में निवेश करने के सिलसिले में साझा अभिप्राय रहा है।
दोनों देशों के बीच साझेदारी प्रगाढ़
न्यूयॉर्क टाईम्स ने अपने संपादकीय में लिखा है कि बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले हफ्ते वाशिंगटन में ओबामा से मिले, कई प्रेक्षक इस बात से अचंभित रह गए कि एक दूसरे से इतने भिन्न दोनों नेता कैसे मिलकर आगे बढ़ते हैं। संपादकीय कहता है, 'कारण जो भी हो, जो बात महत्वपूर्ण है वह यह है कि उन्होंने दोनों देशों के बीच साझेदारी प्रगाढ़ की है। यह ओबामा की विदेश नीति उपलब्धियों में में एक हो सकती है।'
भारत और अमेरिका के बीच संबंध अब ठोस फायदे दे रहा है
सपांदकीय कहता है कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध शीतयुद्ध के दौरान कटु था, राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और जॉर्ज डब्ल्यू बुश के दौरान मधुर हुआ है और अब ओबामा के दौरान वह ठोस फायदे दे रहा है। इसमें कहा गया है, 'दोनों लोकतंत्रात्रिक देशों को दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रामक रवैये का मुकाबला करने, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष और एक दूसरे के आर्थिक विकास में निवेश करने में साझा अभिप्राय मिल रहा है।' अखबार ने पेरिस जलवायु समझौते का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने और रक्षा पर सहयोग बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने के मोदी और ओबामा की घोषणा की सराहना की।
गौरतलब है कि यह अखबार पिछले हफ्ते मोदी की अमेरिका यात्रा के मौके पर मोदी सरकार का आलोचक रहा था और उसने आलोचनात्मक संपादकीय लिखा था। उसने कहा था कि परमाणु भारत के लिए कोई अपवाद नहीं होना चाहिए और उसे परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह के मापदंड को पूरा करना चाहिए।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
इसके साथ अखबार ने कहा कि दोनों लोकतंत्रात्रिक देशों का दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रामक रवैये का मुकाबला करने, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष और एक दूसरे के आर्थिक विकास में निवेश करने के सिलसिले में साझा अभिप्राय रहा है।
दोनों देशों के बीच साझेदारी प्रगाढ़
न्यूयॉर्क टाईम्स ने अपने संपादकीय में लिखा है कि बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले हफ्ते वाशिंगटन में ओबामा से मिले, कई प्रेक्षक इस बात से अचंभित रह गए कि एक दूसरे से इतने भिन्न दोनों नेता कैसे मिलकर आगे बढ़ते हैं। संपादकीय कहता है, 'कारण जो भी हो, जो बात महत्वपूर्ण है वह यह है कि उन्होंने दोनों देशों के बीच साझेदारी प्रगाढ़ की है। यह ओबामा की विदेश नीति उपलब्धियों में में एक हो सकती है।'
भारत और अमेरिका के बीच संबंध अब ठोस फायदे दे रहा है
सपांदकीय कहता है कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध शीतयुद्ध के दौरान कटु था, राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और जॉर्ज डब्ल्यू बुश के दौरान मधुर हुआ है और अब ओबामा के दौरान वह ठोस फायदे दे रहा है। इसमें कहा गया है, 'दोनों लोकतंत्रात्रिक देशों को दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रामक रवैये का मुकाबला करने, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष और एक दूसरे के आर्थिक विकास में निवेश करने में साझा अभिप्राय मिल रहा है।' अखबार ने पेरिस जलवायु समझौते का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने और रक्षा पर सहयोग बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने के मोदी और ओबामा की घोषणा की सराहना की।
गौरतलब है कि यह अखबार पिछले हफ्ते मोदी की अमेरिका यात्रा के मौके पर मोदी सरकार का आलोचक रहा था और उसने आलोचनात्मक संपादकीय लिखा था। उसने कहा था कि परमाणु भारत के लिए कोई अपवाद नहीं होना चाहिए और उसे परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह के मापदंड को पूरा करना चाहिए।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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