नई दिल्ली:
विवादों के बीच यमुना के किनारे सुरक्षा की की तैयारियां अपने आखिरी पड़ाव पर हैं। खुद दिल्ली पुलिस सुरक्षा के लिहाज से यहां कई खामियां निकाल चुकी है, जैसे असुरक्षित स्टेज, कम पंटून पुल इत्यादि। ऐसे में आंतकी हमले के खतरे के साथ-साथ भगदड़ से निपटना भी बड़ी चुनौती है। हालांकि पुलिस का दावा है कि वो पूरी तरह तैयार है।
सूत्रों की मानें तो यहां करीब 35 लाख लोगों के आने की संभावना है। भीड़ की सुरक्षा के लिए यहां 8000 से ज्यादा पुलिस वाले तैनात होंगे जिनमें 13 डीसीपी, 50 से ज्यादा एसीपी और 100 से ज्यादा इंस्पेक्टर हैं। आतंकवादी हमले के खतरे से निपटने के लिए स्वाट कमांडो की तैनाती की गयी है। दिल्ली पुलिस के अलावा एसपीजी और एनएसजी भी रहेगी, पैरामिलिट्री फोर्स की 7 बटालियन भी होगीं।
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने की संभावना है, इसलिए स्टेज के आसपास एसपीजी सघन जांच कर रही है। वहीं ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि 11 से 13 मार्च तक आसपास की सड़कों पर जाम लग सकता है।
पूरे इलाके को 13 जोन में बाटां गया है और हर जोन का इंचार्ज डीसीपी लेवल का अधिकारी होगा। आयोजन स्थल पर सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे भी लगाये गये हैं। कैमरों के फुटेज की निगरानी यहां बनी अस्थायी पुलिस चौकी से होगी।
सूत्रों की मानें तो यहां करीब 35 लाख लोगों के आने की संभावना है। भीड़ की सुरक्षा के लिए यहां 8000 से ज्यादा पुलिस वाले तैनात होंगे जिनमें 13 डीसीपी, 50 से ज्यादा एसीपी और 100 से ज्यादा इंस्पेक्टर हैं। आतंकवादी हमले के खतरे से निपटने के लिए स्वाट कमांडो की तैनाती की गयी है। दिल्ली पुलिस के अलावा एसपीजी और एनएसजी भी रहेगी, पैरामिलिट्री फोर्स की 7 बटालियन भी होगीं।
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने की संभावना है, इसलिए स्टेज के आसपास एसपीजी सघन जांच कर रही है। वहीं ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि 11 से 13 मार्च तक आसपास की सड़कों पर जाम लग सकता है।
पूरे इलाके को 13 जोन में बाटां गया है और हर जोन का इंचार्ज डीसीपी लेवल का अधिकारी होगा। आयोजन स्थल पर सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे भी लगाये गये हैं। कैमरों के फुटेज की निगरानी यहां बनी अस्थायी पुलिस चौकी से होगी।
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