CM रेखा गुप्ता सरकार के भले सौ दिन पूरे होने को हैं. लेकिन मुख्यमंत्री को सरकारी बंगला अब तक नहीं मिला है. मुख्यमंत्री ने बीते दिनों सेशन हाउस को देखा तब से उनके बंगले को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं. फिलहाल इस सेशन हाउस में सेशन जज रहते हैं. लेकिन कई बीघे में फैले इस बंगले में 9 कमरे और बड़ा लॉन है. हालांकि, अब तक किसी भी बंगले को फाइनल नहीं किया गया है.
क्या है सेशन हाउस का इतिहास
उत्तरी दिल्ली में 2 North End Road पर बना ये ऐतिहासिक बंगला है जिसका निर्माण 1921 से 1927 के बीच बनाया गया था. इस बंगले को प्रमुख ब्रिटिश वास्तुकार एडवर्ड लुटियन ने बनाया था. सूत्रों ने बताया कि कई बीघे में फैले इस बंगले में एक साथ हजारों लोग बैठ सकते हैं और ऐतिहासिक बंगला होने के चलते मुख्यमंत्री इसको देखने गई थी. लेकिन फिलहाल इस बंगले पर अभी आधिकारिक मोहर नहीं लगी है.
इससे पहले केजरीवाल छह फ्लैग स्टाफ रोड पर मुख्यमंत्री के तौर पर रहते थे. उनसे पहले शीला दीक्षित सुप्रीम कोर्ट के नजदीक AB-17 में पहले रहती थी. फिर वो मोती लाल नेहरु मार्ग के बंगले में चली गई थी. इसी तरह सबसे ज्यादा चर्चित 33 शामनाथ मार्ग का बंगला रहा जहां दो मुख्यमंत्री ब्रह्म प्रकाश और मदन लाल खुराना रहा करते थे और एक समय इसको मुख्यमंत्री के बंगले के तौर पर जाना जाता था. लेकिन दोनों के बीच में पद छोड़ना पड़ा. इसके चलते इसे दुर्भाग्यशाली बंगला कहा जाने लगा. फिर साहिब सिंह वर्मा ने छह शामनाथ मार्ग को अपना ठिकाना बनाया था.
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