प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
राजधानी में राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान 100 करोड़ की लागत से बने मिलेनियम डिपो को हटाए जाने के मामले मे सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए दिल्ली सरकार को कहा या तो मास्टर प्लान में बदलाव करिये नहीं तो 1 साल के भीतर डिपो हटाएं। कोर्ट से साफ कहा कि कोई अतरिक्त समय नहीं मिलेगा।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दिल्ली सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि 15 जनवरी 2014 को दिल्ली सचिवालय में हुई एक बैठक के दस्तावेज बता रहे हैं कि डिपो खाली करने पर समर्थन हुआ था और अब सरकार इसका उल्टा कह रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि मास्टर प्लान के मुताबिक, यह इलाका बाढ़ क्षेत्र है, इसमें डिपो नहीं बना सकते। जब डीटीसी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट आई है तो दिल्ली सरकार ने अर्जी क्यों दी है। कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली में एक जगह ही बस डिपो के लिए 500 एकड़ जमीन नहीं दी जा सकती। ना ही सुप्रीम कोर्ट घूम-घूमकर जांच कर सकता है कि कहां केस चल रहा है।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दिल्ली सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि 15 जनवरी 2014 को दिल्ली सचिवालय में हुई एक बैठक के दस्तावेज बता रहे हैं कि डिपो खाली करने पर समर्थन हुआ था और अब सरकार इसका उल्टा कह रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि मास्टर प्लान के मुताबिक, यह इलाका बाढ़ क्षेत्र है, इसमें डिपो नहीं बना सकते। जब डीटीसी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट आई है तो दिल्ली सरकार ने अर्जी क्यों दी है। कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली में एक जगह ही बस डिपो के लिए 500 एकड़ जमीन नहीं दी जा सकती। ना ही सुप्रीम कोर्ट घूम-घूमकर जांच कर सकता है कि कहां केस चल रहा है।
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