दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) के कर्मचारियों की हड़ताल खत्म कराने के मकसद से दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को 119 करोड़ रुपये अग्रिम राशि के तौर पर स्वीकृत किए जाने की घोषणा की. साथ ही निगम पर भ्रष्टाचार कर धन बर्बाद करने और कर्मचारियों को वेतन के लिए तरसाने का आरोप लगाया.
उन्होंने भाजपा शासित निगम से आग्रह किया कि वह इस पैसे का उपयोग सख्ती के साथ सिर्फ अपने कर्मचारियों के लंबित वेतन भुगतान के लिए करे, ताकि उन्हें हड़ताल करने की नौबत न आए. सिसोदिया दिल्ली सरकार के वित्त विभाग का भी दायित्व संभाल रहे हैं.
उन्होंने कहा, '119 करोड़ रुपये की यह राशि एक माह बाद पुनरीक्षित आकलन मिलने के बाद जारी की जानी थी, लेकिन सरकार ने पूर्वी दिल्ली सफाईकर्मियों का वेतन भुगतान के लिए इसे पहले ही हस्तांतरित करने का निर्णय लिया, ताकि हड़ताल खत्म हो और अपने नाकारेपन को छिपाकर सरकार को जिम्मेदार ठहराने की भाजपा की चाल एक बार फिर नाकाम हो जाए.'
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने गैर योजना मद में वित्तवर्ष 2015-2016 के लिए उसके पहले के वर्ष में मिले धन की तुलना में दोगुना धन दिया. ईडीएमसी को वर्ष 2012-13 में दिल्ली सरकार से 399 करोड़ रुपये मिले, 2013-14 में 441 करोड़ मिले. हमने इसे बढ़ाकर 2015-16 में 702 करोड़ रुपये किया. वित्त वर्ष 2016-17 में हम पहले ही 609 करोड़ रुपये जारी कर चुके हैं.
सिसोदिया ने सवाल किया, 'इतना पर्याप्त धन आवंटित किए जाने के बावजूद निगम अपने कर्मचारियों को वेतन क्यों नहीं दे रहा है? यदि वे इससे पहले 300-400 करोड़ रुपये में ही वेतन देने का इंतजाम कर ले रहे थे तो यह कैसे संभव है कि अब 700 करोड़ रुपये में भी इंतजाम नहीं कर पा रहे हैं? आखिर पैसा कहां जा रहा है?'
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के 25 हजार से भी अधिक कर्मचारी पिछले दो माह से वेतन नहीं मिलने के कारण गुरुवार से ही हड़ताल पर हैं. निगम की सारी सेवाओं पर विराम लग गया है. जगह-जगह कूड़े के ढेर लग गए हैं. सिसोदिया ने कहा कि निगम ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को न मानकर उसकी अवमानना की है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने भाजपा शासित निगम से आग्रह किया कि वह इस पैसे का उपयोग सख्ती के साथ सिर्फ अपने कर्मचारियों के लंबित वेतन भुगतान के लिए करे, ताकि उन्हें हड़ताल करने की नौबत न आए. सिसोदिया दिल्ली सरकार के वित्त विभाग का भी दायित्व संभाल रहे हैं.
उन्होंने कहा, '119 करोड़ रुपये की यह राशि एक माह बाद पुनरीक्षित आकलन मिलने के बाद जारी की जानी थी, लेकिन सरकार ने पूर्वी दिल्ली सफाईकर्मियों का वेतन भुगतान के लिए इसे पहले ही हस्तांतरित करने का निर्णय लिया, ताकि हड़ताल खत्म हो और अपने नाकारेपन को छिपाकर सरकार को जिम्मेदार ठहराने की भाजपा की चाल एक बार फिर नाकाम हो जाए.'
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने गैर योजना मद में वित्तवर्ष 2015-2016 के लिए उसके पहले के वर्ष में मिले धन की तुलना में दोगुना धन दिया. ईडीएमसी को वर्ष 2012-13 में दिल्ली सरकार से 399 करोड़ रुपये मिले, 2013-14 में 441 करोड़ मिले. हमने इसे बढ़ाकर 2015-16 में 702 करोड़ रुपये किया. वित्त वर्ष 2016-17 में हम पहले ही 609 करोड़ रुपये जारी कर चुके हैं.
सिसोदिया ने सवाल किया, 'इतना पर्याप्त धन आवंटित किए जाने के बावजूद निगम अपने कर्मचारियों को वेतन क्यों नहीं दे रहा है? यदि वे इससे पहले 300-400 करोड़ रुपये में ही वेतन देने का इंतजाम कर ले रहे थे तो यह कैसे संभव है कि अब 700 करोड़ रुपये में भी इंतजाम नहीं कर पा रहे हैं? आखिर पैसा कहां जा रहा है?'
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के 25 हजार से भी अधिक कर्मचारी पिछले दो माह से वेतन नहीं मिलने के कारण गुरुवार से ही हड़ताल पर हैं. निगम की सारी सेवाओं पर विराम लग गया है. जगह-जगह कूड़े के ढेर लग गए हैं. सिसोदिया ने कहा कि निगम ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को न मानकर उसकी अवमानना की है.
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