दक्षिणपंथी समूह के सदस्यों ने कुतुब मीनार के बाहर किया हनुमान चालीसा का पाठ, 44 हिरासत में

यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष भगवान गोयल ने दावा किया कि कुतुब मीनार विष्णु स्तम्भ है जिसे 'महान राजा विक्रमादित्य' ने बनावाया था.

दक्षिणपंथी समूह के सदस्यों ने कुतुब मीनार के बाहर किया हनुमान चालीसा का पाठ, 44 हिरासत में

दक्षिणपंथी समूह के सदस्यों नेकुतुब मीनार परिसर के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ किया

नई दिल्‍ली :

दक्षिणपंथी समूह यूनाइटेड हिंदू फ्रंट और राष्‍ट्रवादी शिवसेना के करीब 50 सदस्यों ने मंगलवार को कुतुब मीनार परिसर के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ किया तथा स्मारक का नाम बदलकर 'विष्णु स्तम्भ' किए जाने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया.  एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि 44  प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया और उन्हें एक थाने ले जाया गया. उन्होंने कहा कि हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों को बाद में रिहा कर दिया जाएगा.  पुलिस अधिकारी ने बताया, 'उन्हें इसलिए हिरासत में लिया गया क्योंकि वे बीच सड़क पर विरोध प्रदर्शन नहीं कर सकते थे, इससे यातायात अवरूद्ध हो गया और यात्रियों को असुविधा हो रही थी.'

यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष भगवान गोयल ने दावा किया कि कुतुब मीनार विष्णु स्तम्भ है जिसे 'महान राजा विक्रमादित्य' ने बनावाया था. उन्होंने कहा, 'लेकिन बाद में, कुतुबुद्दीन ऐबक ने इसका श्रेय लेने का प्रयास किया. परिसर में 27 मंदिर थे और जिन्हें ऐबक ने नष्ट कर दिया था. इसका प्रमाण उपलब्ध है क्योंकि कुतुब मीनार परिसर में हिंदू देवताओं की रखी हुई मूर्तियों को लोग देख सकते हैं. हमारी मांग है कि कुतुब मीनार को विष्णु स्तम्भ नाम दिया जाना चाहिए.'प्रदर्शनकारियों ने 'जय श्री राम' का जाप और हनुमान चालीसा का पाठ किया. उन्होंने हाथों में तख्तियां भी ले रखी थीं जिन पर कुतुब मीनार का नाम विष्णु स्तम्भ किए जाने की मांग की गई थी.

गोयल ने दावा किया कि परिसर में मूर्तियां विभिन्न स्थानों पर रखी हुई हैं. उन्होंने मांग की कि उन मूर्तियों को एक ही स्थान पर रखा जाना चाहिए और 'हमें वहां पूजा करने का अधिकार दिया जाना चाहिए.''उन्होंने कहा, 'हमने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी को अपनी मांगों के सिलसिले में एक ज्ञापन दिया है.' उन्होंने कहा कि मंगलवार का हनुमान चालीसा पाठ और विरोध कार्यक्रम विभिन्न हिंदू समूहों की मांग को रेखांकित करने के लिए था. (भाषा से भी इनपुट)

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