दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को आरोप लगाया कि बिजली वितरण करने वाली कंपनियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘‘सांठगांठ’’ है.
इसके पहले उपराज्यपाल नजीब जंग ने मुख्यमंत्री के इस आरोप को गलत करार दिया था कि उन्होंने अनिर्धारित कटौती के लिए बिजली कंपनियों द्वारा मुआवजा दिए जाने के 'आप' सरकार के फैसले को रद्द कर दिया था. केजरीवाल ने यह आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री ने जंग से वही करने को कहा है जो बिजली कंपनियां चाहती हैं.
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘मोदीजी बिजली कंपनियों की जेब में हैं. बिजली कंपनियों के मोदी की साठगांठ है. मोदीजी ने उपराज्यपाल से फोन पर वही करने को कहा जो बिजली कंपनियां कहती हैं.’’
उन्होंने रविवार को नजफगढ़ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि जंग ने उनकी सरकार के उस आदेश को रद्द कर दिया था जिसमें अनिर्धारित कटौती किए जाने पर बिजली कंपनियों द्वारा मुआवजा देने का प्रावधान किया गया था.
उन्होंने आरोप लगाया था कि केंद्र के बिजली कंपनियों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं. उपराज्यपाल कार्यालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि उसने किसी विशिष्ट फाइल के लिए नहीं कहा है और न ही इस मुद्दे पर अब तक कोई नया आदेश जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि माननीय उच्च न्यायालय के चार अगस्त 2016 के आदेश के बाद दिल्ली सरकार द्वारा उपराज्यपाल कार्यालय को फाइलें सौंपी गईं.
बयान में इस मामले में उच्च न्यायालय के आदेश को भी उद्धृत किया गया है. उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि तथ्यात्मक रूप से ‘‘गलत और गुमराह करने वाले’’ बयान जारी किए जा रहे हैं. केजरीवाल ने कहा कि हमने एक आदेश जारी किया था जिसके तहत अनिर्धारित कटौती होने पर बिजली कंपनियां को उपभोक्ताओं को मुआवजा देना होता. बिजली कंपनियों को एक घंटे तक कटौती के लिए 100 रुपये की पेनाल्टी देनी होती.
उन्होंने कहा, ‘‘15 दिन पहले उपराज्यपाल साहब ने इस मामले से जुड़ी फाइल मंगवायी और इस आदेश को रद्द कर दिया. मोदी के बिजली कंपनियों के साथ करीबी संबंध हैं. मोदीजी को यह आदेश पलटने की क्या आवश्यकता थी?’’
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इसके पहले उपराज्यपाल नजीब जंग ने मुख्यमंत्री के इस आरोप को गलत करार दिया था कि उन्होंने अनिर्धारित कटौती के लिए बिजली कंपनियों द्वारा मुआवजा दिए जाने के 'आप' सरकार के फैसले को रद्द कर दिया था. केजरीवाल ने यह आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री ने जंग से वही करने को कहा है जो बिजली कंपनियां चाहती हैं.
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘मोदीजी बिजली कंपनियों की जेब में हैं. बिजली कंपनियों के मोदी की साठगांठ है. मोदीजी ने उपराज्यपाल से फोन पर वही करने को कहा जो बिजली कंपनियां कहती हैं.’’
मोदीजी बिजली कंपनियों की जेब में। बिजली कंपनियाँ मोदी जी से मिली। मोदीजी ने फ़ोन करके LG को कहा कि जो ये कहे वो करो https://t.co/ftWAqJQpx3
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 29, 2016
उन्होंने रविवार को नजफगढ़ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि जंग ने उनकी सरकार के उस आदेश को रद्द कर दिया था जिसमें अनिर्धारित कटौती किए जाने पर बिजली कंपनियों द्वारा मुआवजा देने का प्रावधान किया गया था.
उन्होंने आरोप लगाया था कि केंद्र के बिजली कंपनियों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं. उपराज्यपाल कार्यालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि उसने किसी विशिष्ट फाइल के लिए नहीं कहा है और न ही इस मुद्दे पर अब तक कोई नया आदेश जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि माननीय उच्च न्यायालय के चार अगस्त 2016 के आदेश के बाद दिल्ली सरकार द्वारा उपराज्यपाल कार्यालय को फाइलें सौंपी गईं.
बयान में इस मामले में उच्च न्यायालय के आदेश को भी उद्धृत किया गया है. उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि तथ्यात्मक रूप से ‘‘गलत और गुमराह करने वाले’’ बयान जारी किए जा रहे हैं. केजरीवाल ने कहा कि हमने एक आदेश जारी किया था जिसके तहत अनिर्धारित कटौती होने पर बिजली कंपनियां को उपभोक्ताओं को मुआवजा देना होता. बिजली कंपनियों को एक घंटे तक कटौती के लिए 100 रुपये की पेनाल्टी देनी होती.
उन्होंने कहा, ‘‘15 दिन पहले उपराज्यपाल साहब ने इस मामले से जुड़ी फाइल मंगवायी और इस आदेश को रद्द कर दिया. मोदी के बिजली कंपनियों के साथ करीबी संबंध हैं. मोदीजी को यह आदेश पलटने की क्या आवश्यकता थी?’’
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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