
आधार कार्ड नहीं होने से झुग्गीवासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है (फाइल फोटो)
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8 फरवरी से राशन प्रणाली में आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया था
दिल्ली में कई ऐसे इलाके हैं जहां के लोगों के पास आधार कार्ड नहीं हैं
आधार नहीं होने से लोगों को राशन का सस्ता अनाज लेने में परेशानी आ रही है
याचिका दायर करने वाले एक एनजीओ के वकील ने अदालत को बताया कि मालवीय नगर में दो झुग्गीबस्तियों में रह रहे लोगों को केवल सब्सिडी पर अनाज लेने में ही दिक्कतें पेश नहीं आ रही हैं बल्कि उचित नेटवर्क के अभाव के कारण आधार के लिए इस्तेमाल होने वाली बॉयोमीट्रिक मशीनें भी काम नहीं कर रहीं हैं. इसके बाद अदालत ने यह निर्देश दिया.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की पीठ ने यूआईडीएआई के अधिवक्ता जोहाब हुसैन को स्थानीय आयुक्त नियुक्त किया और उनसे दोनों झुग्गीबस्तियों एवं राशन की दुकानों का दौरा करने और यह देखने को कहा कि लोगों को आधार नहीं होने के कारण खाद्य सुविधाएं हासिल करने में किन मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. याचिका में आधार कार्ड के बिना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत लाभार्थियों को सब्सिडी पर खाद्यान्न वितरित करने की मांग की गई है.
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील ने इस याचिका पर जवाब दायर करने के लिए समय मांगा. अदालत ने याचिकाकर्ता संगठन ‘दिल्ली रोजी-रोटी अधिकार अभियान’ को सुनवाई की अगली तारीख 1 सितंबर तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा. अदालत को यह भी बताया गया कि इसी प्रकार की याचिका उच्चतम न्यायालय के समक्ष भी लंबित है जो 27 जून को ग्रीष्मकालीन अवकाश में उस पर सुनवाई करेगी. बता दें कि 8 फरवरी को केंद्र सरकार ने राशन वितरण प्रणाली के लिए आधार कार्ड जरुरी कर दिया था.
(इनपुट भाषा से भी)
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