दिल्ली के झंडेवालान इलाके की एक इमारत से राजस्व जांच निदेशालय (डायरेक्टरेट ऑफ रिवेन्यू इंटेलिजेंस - डीआरआई) ने 15 करोड़ 75 लाख रुपये के पुराने (बंद किए जा चुके) नोट बरामद किए हैं और इस मामले के मास्टरमाइंड समेत 10 लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है, जो इन पुराने नोटों को नए नोटों से बदलवाने की फिराक में थे.
डीआरआई ने झंडेवालान की जिस इमारत की दूसरी मंज़िल से रविवार को ये नोट बरामद किए, वह कोई बैंक या किसी कैश कंपनी का ऑफिस नहीं है. यहां एक कमरे में डीआरआई अधिकारियों को 500 और 1,000 रुपये के बंद हो चुके नोटों का अंबार मिला, और डीआरआई अधिकारियों के मुताबिक इन्हें नए नोटों में बदलवाने के लिए लाया गया था.
सड़क के किनारे और पुल के नीचे बनी इस इमारत के आसपास आमतौर पर सन्नाटा रहता है. डीआरआई अधिकारियों के मुताबिक उन्हें खबर मिली थी कि नोटबंदी के बाद से इस इमारत में लोग बड़ी मात्रा में पुराने नोट लेकर आ रहे हैं और नए नोटों से बदलवाने की कोशिश कर रहे हैं. उसके बाद रविवार शाम करीब 6 बजे डीआरआई ने इमारत पर छापा मारा.
डीआरआई को एक कमरे में नकदी और दूसरे कमरे में कई लोग बैठे मिले, जिन्हें पकड़कर डीआरआई की टीम भी वहीं बैठ गई, और उसके बाद कई लोग कैश लेकर आए और पकड़े गए. इन लोगों में एक शख्स के पास से एक करोड़ रुपये बरामद हुए. देर रात तक कुल 10 लोग पकड़े गए, जिनमें इमारत का मालिक शामिल है.
बताया गया है कि पकड़े गए लोगों में कई बिल्डर और जौहरी हैं, जिनमें हैदराबाद का एक बिल्डर इसका मास्टरमाइंड है. डीआरआई को शक है कि आरोपियों ने बड़े पैमाने पर सोना और कैश छिपाया हुआ है. यह भी पता लगाया जा रहा है कि कहीं इनकी साठगांठ आरबीआई अधिकारियों से तो नहीं, क्योंकि पुराने नोट बदलवाने की आखिरी तारीख अब बीत चुकी है.
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