दिल्‍ली में अगले कुछ माह में बढ़ेंगे Covid के मामले, फरवरी में चरम पर पहुंच सकती है संख्‍या: विशेषज्ञ

सफदरजंग अस्पताल में सामुदायिक चिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ जुगल किशोर ने कहा कि कोरोना वायरस के मामलों की संख्या और संक्रमण दर में वृद्धि होना तय है, लेकिन यह मृत्यु दर में तब्दील नहीं होगा.

दिल्‍ली में अगले कुछ माह में बढ़ेंगे Covid के मामले, फरवरी में चरम पर पहुंच सकती है संख्‍या: विशेषज्ञ

दिल्‍ली में कोरोना के रोजाना के केसों माह की शुरुआत में 50 से कम थी जो अब 300 के पार पहुंच गई है

नई दिल्‍ली :

दिल्ली में कोविड-19 के ताजा मामलों की संख्या महीने की शुरुआत की तुलना में 10 गुना बढ़ने के बीच विशेषज्ञों ने सोमवार को कहा कि कोरोना के नए वैरिएंट, ओमिक्रॉन के कारण अगले कुछ महीनों में संक्रमण में वृद्धि होगी. फरवरी में कोरोना संक्रमण के चरम पर पहुंचने की आशंका है. गौरतलब है कि दिल्ली में रविवार को 0.55 प्रतिशत संक्रमण दर के साथ कोरोना के 290 नए मामले दर्ज किए गये, जबकि सोमवार को नए मामलों की संख्या 0.68 प्रतिशत संक्रमण दर के साथ 331 पर पहुंच गई. राष्ट्रीय राजधानी में एक दिसंबर को 0.07 प्रतिशत संक्रमण दर के साथ 39 नए मामले दर्ज किए गए थे. अगले दिन, संक्रमण दर घटकर 0.06 प्रतिशत हो गई, जबकि नए मामलों की संख्या 41 थी.

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 9 दिसंबर से 15 दिसंबर के बीच, दिल्ली में औसतन 48 दैनिक मामले दर्ज किए गए, जो 16 दिसंबर से 22 दिसंबर के बीच बढ़कर 95 हो गए. साप्ताहिक आधार पर इसमें 49.47 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी.महामारी विज्ञानी गिरिधर आर. बाबू ने कहा, 'इस बात की बहुत कम आशंका है कि त्योहारी सीजन के कारण मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है, क्योंकि वैसी स्थिति में, नवंबर में दीवाली के 14 दिन बाद इसका प्रभाव देखा गया होता और नवंबर के अंत तक मामलों की संख्या बढ़ गई होती. ओमिक्रॉन स्वरूप के कारण संख्या बढ़ रही है, जो अत्यधिक संक्रामक है. मामलों में तेजी से उतार-चढाव देखा जाएगा, जबकि मध्य जनवरी और मध्य फरवरी के बीच इस संक्रमण के शिखर तक पहुंचने की आशंका है.'

सफदरजंग अस्पताल में सामुदायिक चिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ जुगल किशोर ने कहा कि कोरोना वायरस के मामलों की संख्या और संक्रमण दर में वृद्धि होना तय है, लेकिन यह मृत्यु दर में तब्दील नहीं होगा.उन्होंने कहा, 'हम केवल यह कह सकते हैं कि वर्तमान मामलों में से 60 प्रतिशत से 70 प्रतिशत मामले ओमिक्रॉन से संबंधित हो सकते हैं, जबकि शेष अन्य स्वरूपों के कारण हो सकते हैं.' वरिष्ठ डॉक्टर ने यह भी कहा कि जब तक स्थिति को अच्छी तरह से प्रबंधित किया जाएगा, तब तक कोई समस्या नहीं होगी.

ओमिक्रॉन का खतरा बढ़ रहा, केंद्र ने राज्यों को किया सतर्क
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)