केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्री रामविलास पासवान ने दिल्ली में पानी पर चल रही जबरदस्त पॉलिटिक्स के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर इस पूरे विवाद का अंत करने की कोशिश की है. पासवान ने केजरीवाल को लिखकर बताया है कि दिल्ली में पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए एक संयुक्त टीम का गठन किया जा रहा है जिसमें दो अधिकारी भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) से रहेंगे जबकि 2 अधिकारी दिल्ली जल बोर्ड से रहेंगे. केजरीवाल को चिट्ठी में पासवान ने कहा कि 'मैं इस संदर्भ में आपको अवगत कराना चाहूंगा कि आपके द्वारा दिए गए सुझाव के अनुसार एक संयुक्त टीम का गठन करते हुए दिल्ली के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों से पानी के नमूने एकत्र कर किसी भी अधिकृत जांच एजेंसी से जांच करवा ली जाए.'
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बता दें, रामविलास पासवान ने केंद्र सरकार की तरफ से BIS के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी, उप महानिदेशक (लैब) जयंत राय चौधरी को केंद्र सरकार की तरफ से इस टीम में प्रस्तावित किया है. वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कहा है कि दिल्ली जल बोर्ड के दो सक्षम अधिकारियों के नाम इस टीम के लिए जल्द से जल्द दें. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने केजरीवाल और उनकी पार्टी से नाखुशी भी ज़ाहिर की है. पासवान ने लिखा, 'मुझे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि इन दिनों प्रेस तथा ट्विटर पर आपकी पार्टी द्वारा दिल्ली में पानी की गुणवत्ता पर BIS द्वारा जारी रिपोर्ट पर सवाल उठाए जा रहे हैं और यहां तक कहा जा रहा है कि यह दिल्ली को बदनाम करने की साजिश है. इस संबंध में मेरा सिर्फ यही कहना है कि देश के प्रत्येक नागरिक को पीने का साफ पानी मिले यह प्रत्येक राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है.'
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दरअसल 16 नवंबर को BIS यानी भारतीय मानक ब्यूरो के हवाले से केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्री रामविलास पासवान ने देश के 21 शहरों में पानी की गुणवत्ता की रिपोर्ट जारी की जिसमें दिल्ली का पानी सबसे घटिया पाया गया. दिल्ली में पानी के कुल 11 सैंपल लिए गए और सभी फेल हो गए. कुल 19 मानकों पर दिल्ली का पानी फेल हो गया. जबकि सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि दिल्ली के पानी की तारीफ न सिर्फ केंद्रीय जल मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत कर रहे हैं बल्कि दिल्ली जल बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में सप्लाई किया जा रहा ज़्यादातर पानी साफ़ सुथरा है. केजरीवाल ने कहा, 'दिल्ली जल बोर्ड रोजाना दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से 500 सैंपल उठाता है. जनवरी से 24 सितंबर के बीच दिल्ली जल बोर्ड ने 1,55,302 सैंपल उठाये जिसमें से 2222 सैंपल फ़ेल हुए. यानी 1.43% फ़ेल हुए और 98.57% पास हुए. अक्टूबर के डेटा के मुताबिक अक्टूबर में 16502 सैंपल उठाए, जिसमें से केवल 658 सैंपल फ़ेल हुए 15,844 सैंपल पास हुए. यानी 96 फ़ीसदी सैंपल पास हुए और चार पर्सेंट सैंपल फेल हुए.'
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इस बारे में एनडीटीवी इंडिया ने भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) से बात करने की कोशिश की, लेकिन ख़बर लिखे जाने तक उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी. इससे पहले दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर दिल्ली वालों को जहरीला पानी पिलाने का आरोप लगाया था और केजरीवाल को चुनौती भी दी थी. मनोज तिवारी बोले, 'मैं अरविंद केजरीवाल को चुनौती देता हूं कि अगर यह रिपोर्ट (BIS की पानी पर रिपोर्ट) गलत है तो मेरे साथ दिल्ली की गलियों में चलो, एसी में बैठ कर बातें मत बनाओ.' उन्होंने आगे कहा, 'अरविंद केजरीवाल जी अगर आप में सही में दम है और अगर आप पानी सही दे रहे हैं तो आप दिल्ली की गलियों में मेरे साथ चलिए. जनता तय कर देगी की वास्तविकता क्या है?'
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इसको लेकर रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन भी ट्विटर पर भिड़ गए. डॉ. हर्षवर्धन ने ट्वीट कर कहा, 'फ्री पानी के नाम पर दिल्ली की जनता को ज़हर पिला रहे हैं अरविंद केजरीवाल. देश के 20 शहरों के पानी पर हुए सर्वे में दिल्ली का पानी सबसे ज्यादा जहरीला पाया गया. विकास के बड़े-बड़े दावे करने वाली आम आदमी पार्टी सरकार लोगों को साफ़ पानी तक मुहैया कराने में नाकाम रही है.' इसके जवाब में केजरीवाल ने लिखा, 'सर, आप तो डॉक्टर हैं. आप जानते हैं कि ये रिपोर्ट झूठी है, राजनीति से प्रेरित है. आप जैसे व्यक्ति को ऐसी गंदी राजनीति का हिस्सा नहीं बनना चाहिए.'
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