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मामले की जांच में हर छोटे से छोटे बिंदु को शामिल किया गया
2 डीसीपी के अलावा कई तेजतर्रार इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर शामिल रहे
टीम ने महज़ 19 दिन के अंदर कोर्ट में चार्जशीट भी पेश कर दी
इस केस में ऐसा कोई सबूत, ऐसा कोई गवाह नहीं था जिसे पुलिस ने अपनी जांच में शामिल न किया हो. पुलिस ने आरोपियों के पकड़ने के साथ-साथ जिस रास्ते से बस गई थी उसका cctv फुटेज बरामद किया. आरोपियों के पास से पीड़ित का मोबाइल फ़ोन, उनके एटीएम कार्ड, सोने की चेन और दूसरा सामान बरामद किया. आरोपियों और पीड़ित की डीएनए जांच कराई जिसका मिलान भी सही हुआ, दांतों के काटने के निशान की फॉरेंसिक जांच कराई गई, 50 से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज कराए गए. यही नहीं, जांच में उस हर छोटे से छोटे बिंदु को शामिल किया गया जो आरोपियों को कोर्ट में खड़ा कर सकता था.
पुलिस ने महज़ एक दिन के अंदर सिंगापुर ले जाने के लिए निर्भया के मां-बाप का पासपोर्ट बनवाया, सरोजिनी नगर मार्किट से उनके लिए शॉपिंग तक की. टीम में 2 डीसीपी के अलावा कई तेजतर्रार इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर शामिल रहे. इसके अलावा दर्जनों सिपाही भी रात दिन मामले की जांच से जुड़े रहे. पुलिस अधिकारी लगातार निर्भया के मां बाप को धीरज बंधाते रहे, शायद यही वजह है कि केस की शुरुआत से लेकर कोर्ट के फैसले आने तक निर्भया के मां बाप पुलिस की तारीफ करते रहे.
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