एमसीडी कर्मी 27 से हड़ताल पर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
शहर के नगर निगम के सफाईकर्मियों ने 27 जनवरी से ‘अनिश्चितकालीन हड़ताल’ पर जाने का फैसला किया है। उन्होंने दावा किया कि नगर निकाय वेतन के नियमितीकरण समेत उनकी मांगों को पूरा करने में विफल रहा।
सफाईकर्मी विभिन्न यूनियनों के तहत जंतर-मतर पर पिछले महीने से क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं। मोर्चा के अध्यक्ष संजय गहलोत ने कहा, ‘‘स्वतंत्र मजदूर विकास संयुक्त मोर्चा के बैनर तले हम एक दिसंबर से क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं लेकिन नियमित वेतन, बकाये के भुगतान, नियमितीकरण और पदोन्नति की हमारी मांगों पर नगर निगम के अधिकारियों या सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने 27 जनवरी से हड़ताल पर जाने का फैसला किया है क्योंकि हम मकर संक्रांति और गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान किसी को कोई असुविधा हो यह नहीं चाहते।’’
अक्टूबर और दिसंबर में भी की थी हड़ताल
दिल्ली के तीनों एमसीडी के सफाईकर्मियों ने 28 दिसंबर को एक दिन की हड़ताल की थी, वहीं 24 अक्टूबर से वेतन-भत्ते में बढ़ोतरी समेत अपनी 17 मांगों को लेकर दिल्ली के तीनों नगर निगम के लगभग एक लाख सफ़ाई कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे। यह हड़ताल काफी लंबी चली थी, जिससे शहर में चारों ओर कूड़े के ढेर लग गए थे। इसके सातवें दिन ड्राइवर भी हड़ताल में शामिल हो गए थे। इस पर सरकार ने ड्यूटी से इनकार करने पर पूर्वी दिल्ली नगर निगम के 22 ड्राइवरों को सस्पेंड कर दिया था। बाद में विरोध के बाद उन्हें बहाल कर दिया गया था।
सफाईकर्मी विभिन्न यूनियनों के तहत जंतर-मतर पर पिछले महीने से क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं। मोर्चा के अध्यक्ष संजय गहलोत ने कहा, ‘‘स्वतंत्र मजदूर विकास संयुक्त मोर्चा के बैनर तले हम एक दिसंबर से क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं लेकिन नियमित वेतन, बकाये के भुगतान, नियमितीकरण और पदोन्नति की हमारी मांगों पर नगर निगम के अधिकारियों या सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने 27 जनवरी से हड़ताल पर जाने का फैसला किया है क्योंकि हम मकर संक्रांति और गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान किसी को कोई असुविधा हो यह नहीं चाहते।’’
अक्टूबर और दिसंबर में भी की थी हड़ताल
दिल्ली के तीनों एमसीडी के सफाईकर्मियों ने 28 दिसंबर को एक दिन की हड़ताल की थी, वहीं 24 अक्टूबर से वेतन-भत्ते में बढ़ोतरी समेत अपनी 17 मांगों को लेकर दिल्ली के तीनों नगर निगम के लगभग एक लाख सफ़ाई कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे। यह हड़ताल काफी लंबी चली थी, जिससे शहर में चारों ओर कूड़े के ढेर लग गए थे। इसके सातवें दिन ड्राइवर भी हड़ताल में शामिल हो गए थे। इस पर सरकार ने ड्यूटी से इनकार करने पर पूर्वी दिल्ली नगर निगम के 22 ड्राइवरों को सस्पेंड कर दिया था। बाद में विरोध के बाद उन्हें बहाल कर दिया गया था।
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