प्रेस कॉन्फ्रेंस में कपिल मिश्रा
नई दिल्ली:
दिल्ली सरकार के मंत्री पद से हटाए गए आप नेता कपिल मिश्रा ने सोमवार को मीडिया से मुखातिब होकर अपनी बात रखी. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने पार्टी नेता संजय सिंह द्वारा पूछे गए तीनों सवालों के जवाब भी दिए. कपिल मिश्रा ने कहा कि मैं अपनी बात पर कायम हूं और मंगवार को सुबह 11:30 बजे सीबीआई को सारे सबूत सौंप कर आउंगा.
बीजेपी में शामिल होने के आरोपों पर उन्होंने कहा, 'मैं बीजेपी में कभी नहीं जाउंगा और आप में ही रहकर गंदगी साफ करूंगा.' मिश्रा ने खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर हिम्मत हो तो मुझे कोई पार्टी से निकाल कर दिखाए. उन्होंने कहा, 'मैं पीएसी के एक एक सदस्य को खुली चुनौती देता हूं कि आज शाम 7 बजे तक मुझे पार्टी से निकाल कर दिखाओ. तुमलोग बंद कमरे में पार्टी से निकालने का फैसला करोगे उसे कपिल मिश्रा नहीं मानेगा. मुझे पार्टी से निकालने का फैसला जनता करेगी.' उन्होंने कहा, 'मेरा नंबर सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा है और मुझे जान से मारने की धमकी दी जा रही है. केजरीवाल जी, मैं आपके इन हथकंडों से डरनेवाला नहीं हूं.'
मिश्रा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘सत्येंद्र जैन ने मुझे बताया था कि उन्होंने अरविंद केजरीवाल के रिश्तेदार बंसल परिवार के लिए छत्तरपुर में सात एकड़ जमीन का सौदा कराया. पीडब्ल्यू मंत्री होने के नाते, उन्होंने केजरीवाल के रिश्तेदार को लाभ पहुंचाने के लिए विभाग में दस करोड़ रुपये के फर्जी बिल बनवाए.’ मुख्यमंत्री की निंदा करते हुए मिश्रा ने कहा कि केजरीवाल इस्तीफा नहीं देना चाहते.
उन्होंने कहा, ‘केजरीवाल की कमजोरी उनकी कुर्सी है. वह अपनी कुर्सी नहीं छोड़ना चाहते. मैं केजरीवाल से पूछना चाहता हूं कि जब जैन भ्रष्टाचार के मामले में जेल में जाएंगे तो क्या केजरीवाल उस दिन इस्तीफा देंगे?’ भाजपा नेताओं के संपर्क में होने के आप के आरोपों को खारिज करते हुए मिश्रा ने पार्टी को इस बात को साबित करने की चुनौती दी और कहा कि आप नेताओं के खिलाफ जो भी आवाज उठाता है उसे ‘भाजपा एजेंट’ कहा जाता है. उन्होंने कहा कि वह आप में ऐसे एकमात्र व्यक्ति हैं जो भाजपा और मोदी सरकार की नीतियों का कड़ा विरोध करते हैं.
मिश्रा ने कहा, ‘आप की राजनीतिक मामलों की समिति में चार से पांच लोग हैं जो भ्रष्टाचार में शामिल हैं. मुझे पता चला कि पीएसी शाम को मुझे पार्टी से बाहर कर देगी.’ उन्होंने कहा, ‘मैं पीएसी के फैसले को स्वीकार नहीं करूंगा जो बंद कमरे में फैसले करती है. आप चार पांच लोगों की पार्टी नहीं है और यह जनता की पार्टी है और जनता फैसला करेगी कि आप में कौन रहेगा.’ मिश्रा ने बाद में ट्वीट किया, ‘सत्येंद्र जैन अरविंद केजरीवाल जी को क्लीन चिट दे रहे हैं और अरविंद केजरीवाल जी सत्येंद्र जैन को क्लीन चिट दे रहे हैं. वाह.’ उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में एक ईमेल आईडी ‘लेट्सक्लीनआप एटदिरेट जीमेल डाट काम’ जारी की जहां लोग आप के कथित भ्रष्टाचार की शिकायत कर सकते हैं.
इससे पहले मिश्रा ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती शीला दीक्षित सरकार के कार्यकाल में हुये इस घोटाले की जांच में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जानबूझ कर देरी कर रहे हैं.
एसीबी में मामले से जुड़े दस्तावेज जमा कराने के बाद मिश्रा ने कहा कि ‘मैंने अधिकारियों को बता दिया है कि किस तरह से केजरीवाल जानबूझकर इस मामले की जांच में देरी कर रहे हैं.’ मिश्रा का दावा है कि वह बतौर मंत्री एक साल पहले ही इस कथित घोटाले की विभागीय जांच करा कर इसकी रिपोर्ट केजरीवाल को सौंप चुके हैं. इसमें उन्होंने टैंकर घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराकर जांच कराने की सिफारिश की थी.
मिश्रा ने कहा कि उन्होंने केजरीवाल और उनके दो अन्य सहयोगियों द्वारा टैंकर घोटाला मामले की जांच को प्रभावित करने के दस्तावेजी सबूत भी एसीबी को दिये हैं. इन सबूतों से सरकार द्वारा दीक्षित को बचाने की बात साफ हो जाती है. उन्होंने कहा कि एसीबी इस मामले की विस्तृत जांच के लिये मुझे फिर से बुलायेगी.
बीजेपी में शामिल होने के आरोपों पर उन्होंने कहा, 'मैं बीजेपी में कभी नहीं जाउंगा और आप में ही रहकर गंदगी साफ करूंगा.' मिश्रा ने खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर हिम्मत हो तो मुझे कोई पार्टी से निकाल कर दिखाए. उन्होंने कहा, 'मैं पीएसी के एक एक सदस्य को खुली चुनौती देता हूं कि आज शाम 7 बजे तक मुझे पार्टी से निकाल कर दिखाओ. तुमलोग बंद कमरे में पार्टी से निकालने का फैसला करोगे उसे कपिल मिश्रा नहीं मानेगा. मुझे पार्टी से निकालने का फैसला जनता करेगी.' उन्होंने कहा, 'मेरा नंबर सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा है और मुझे जान से मारने की धमकी दी जा रही है. केजरीवाल जी, मैं आपके इन हथकंडों से डरनेवाला नहीं हूं.'
मिश्रा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘सत्येंद्र जैन ने मुझे बताया था कि उन्होंने अरविंद केजरीवाल के रिश्तेदार बंसल परिवार के लिए छत्तरपुर में सात एकड़ जमीन का सौदा कराया. पीडब्ल्यू मंत्री होने के नाते, उन्होंने केजरीवाल के रिश्तेदार को लाभ पहुंचाने के लिए विभाग में दस करोड़ रुपये के फर्जी बिल बनवाए.’ मुख्यमंत्री की निंदा करते हुए मिश्रा ने कहा कि केजरीवाल इस्तीफा नहीं देना चाहते.
उन्होंने कहा, ‘केजरीवाल की कमजोरी उनकी कुर्सी है. वह अपनी कुर्सी नहीं छोड़ना चाहते. मैं केजरीवाल से पूछना चाहता हूं कि जब जैन भ्रष्टाचार के मामले में जेल में जाएंगे तो क्या केजरीवाल उस दिन इस्तीफा देंगे?’ भाजपा नेताओं के संपर्क में होने के आप के आरोपों को खारिज करते हुए मिश्रा ने पार्टी को इस बात को साबित करने की चुनौती दी और कहा कि आप नेताओं के खिलाफ जो भी आवाज उठाता है उसे ‘भाजपा एजेंट’ कहा जाता है. उन्होंने कहा कि वह आप में ऐसे एकमात्र व्यक्ति हैं जो भाजपा और मोदी सरकार की नीतियों का कड़ा विरोध करते हैं.
मिश्रा ने कहा, ‘आप की राजनीतिक मामलों की समिति में चार से पांच लोग हैं जो भ्रष्टाचार में शामिल हैं. मुझे पता चला कि पीएसी शाम को मुझे पार्टी से बाहर कर देगी.’ उन्होंने कहा, ‘मैं पीएसी के फैसले को स्वीकार नहीं करूंगा जो बंद कमरे में फैसले करती है. आप चार पांच लोगों की पार्टी नहीं है और यह जनता की पार्टी है और जनता फैसला करेगी कि आप में कौन रहेगा.’ मिश्रा ने बाद में ट्वीट किया, ‘सत्येंद्र जैन अरविंद केजरीवाल जी को क्लीन चिट दे रहे हैं और अरविंद केजरीवाल जी सत्येंद्र जैन को क्लीन चिट दे रहे हैं. वाह.’ उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में एक ईमेल आईडी ‘लेट्सक्लीनआप एटदिरेट जीमेल डाट काम’ जारी की जहां लोग आप के कथित भ्रष्टाचार की शिकायत कर सकते हैं.
इससे पहले मिश्रा ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती शीला दीक्षित सरकार के कार्यकाल में हुये इस घोटाले की जांच में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जानबूझ कर देरी कर रहे हैं.
एसीबी में मामले से जुड़े दस्तावेज जमा कराने के बाद मिश्रा ने कहा कि ‘मैंने अधिकारियों को बता दिया है कि किस तरह से केजरीवाल जानबूझकर इस मामले की जांच में देरी कर रहे हैं.’ मिश्रा का दावा है कि वह बतौर मंत्री एक साल पहले ही इस कथित घोटाले की विभागीय जांच करा कर इसकी रिपोर्ट केजरीवाल को सौंप चुके हैं. इसमें उन्होंने टैंकर घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराकर जांच कराने की सिफारिश की थी.
मिश्रा ने कहा कि उन्होंने केजरीवाल और उनके दो अन्य सहयोगियों द्वारा टैंकर घोटाला मामले की जांच को प्रभावित करने के दस्तावेजी सबूत भी एसीबी को दिये हैं. इन सबूतों से सरकार द्वारा दीक्षित को बचाने की बात साफ हो जाती है. उन्होंने कहा कि एसीबी इस मामले की विस्तृत जांच के लिये मुझे फिर से बुलायेगी.
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